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सीबीआइ की चार्जशीट से बूलगढ़ी के आरोपितों में बेचैनी

हाथरस के चर्चित बूलगढ़ी कांड के चारों आरोपितों के खिलाफ शुक्रवार को सीबीआइ के कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने की खबर ने यहां जेल में बंद आरोपितों की बेचैनी बढ़ा दी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Dec 2020 01:18 AM (IST)Updated: Sat, 19 Dec 2020 01:18 AM (IST)
सीबीआइ की चार्जशीट से बूलगढ़ी के आरोपितों में बेचैनी
सीबीआइ की चार्जशीट से बूलगढ़ी के आरोपितों में बेचैनी

जासं, हाथरस : हाथरस के चर्चित बूलगढ़ी कांड के चारों आरोपितों के खिलाफ शुक्रवार को सीबीआइ के कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने की खबर ने यहां जेल में बंद आरोपितों की बेचैनी बढ़ा दी। वे क्वारंटाइन सेंटर में चहल-कदमी करते रहे। दोपहर में उन्हें पता चला कि कोर्ट में उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है तो उनकी आंखें नम हो गईं। जेल प्रशासन कोर्ट का आदेश मिलने व 14 दिन का क्वारंटाइन टाइम पूरा होने पर उन्हें दूसरी बैरक में शिफ्ट कराएगा।

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बूलगढ़ी कांड में 14 सितंबर को चारों आरोपितों को पुलिस ने जेल भेजा था। पहले एसआइटी, फिर सीबीआइ की जांच टीम ने जेल पहुंचकर आरोपितों से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए थे। सीबीआइ ने 21 नवंबर को जेल से आरोपितों को गांधीनगर (गुजरात) ले जाकर पॉलीग्राफ व ब्रेन इलेक्ट्रिकल ऑसिलेशन सिग्नेचर (बीइओएस) टेस्ट कराया था। छह दिसंबर को फिर जेल में दाखिल किया गया था। कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए जेल प्रशासन ने उन्हें क्वारंटाइन सेंटर में भेजने के साथ ही कोरोना टेस्ट भी कराया। शुक्रवार को सीबीआइ के कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने की जानकारी आरोपितों को मिली तो उनकी बेचैनी बढ़ गई। सुबह उन्होंने नाश्ता और खाना भी अनमने ढंग से खाया। वरिष्ठ जेल अधीक्षक आलोक सिंह ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर 14 दिन का क्वारंटाइन टाइम पूरा होने पर आरोपितों को अलग बैरकों में शिफ्ट किया जाएगा। भाई और भाभी के जाते ही बूलगढ़ी का बदला नजारा

जासं, हाथरस : शांत चल रहे गांव बूलगढ़ी में शुक्रवार को अचानक नजारा बदल गया। सीआरपीएफ के जवानों की ओर से मृतका के बड़े भाई और भाभी को वाहन से कोर्ट ले जाने पर माहौल चर्चाओं से गरम हो गया।

बूलगढ़ी में शुक्रवार को सुबह से दिनचर्या आम दिनों की तरह दिखाई दे रही थी। इतना जरूर था कि कुछ लोग सीबीआइ की चार्जशीट को लेकर दबी जुबान से चर्चा कर रहे थे। सामान्य की तरह सीआरपीएफ के जवान भी मृतका की सुरक्षा में लगे हुए थे। दोपहर को 12.15 सीआरपीएफ की गाड़ी मृतका के घर पर पहुंची और बड़े भाई और भाभी को बैठाकर ले जाने लगी। धीरे-धीरे यह बात गांव के चारों कोनों तक पहुंच गई। फिर क्या था कि महिला और पुरुषों में तरह-तरह की चर्चा होने लगी। लोगों को लगा कि इस मामले में आज कुछ होने वाला है। लोग अपने स्तर से जानकारी करने लगे। अब लोगों की नजर कोर्ट के फैसले पर लग गई है। बता दें कि इससे पहले 16 दिसंबर को सीबीआइ के डीएसपी शिवकुमार चंदपा पुलिस के साथ मृतका के घर पहुंचे थे। उन्होंने 25 मिनट तक मृतका के स्वजन से बात की थी और कुछ देर के लिए थाना चंदपा भी पुलिस कर्मियों से पूछताछ की थी। उस दिन हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सुनवाई थी।


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