अश्लील मैसेज भेजने वाले प्रिंसिपल का पुतला फूंका
एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने किया विरोध, इंस्पेक्टर को ज्ञापन ब्लर्ब- डीआइओएस ने इंटर कॉलेज की प्रबंधक को कार्रवाई के लिए लिखा है पत्र, अभी रिपोर्ट नहीं
संवाद सूत्र, हाथरस : सहपऊ क्षेत्र के इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य की कारस्तानी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अब मामले ने तूल पकड़ लिया है। सोमवार को प्रधानाचार्य के खिलाफ कार्रवाई के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और प्रधानाचार्य का पुतला फूंका। कोतवाली जाकर डीएम के नाम ज्ञापन प्रभारी निरीक्षक को दिया।
रविवार की सुबह प्रधानाचार्य का फेसबुक पर किसी युवती के साथ चैट करता हुआ वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो में प्रधानाचार्य युवती के साथ अश्लील बातें करते दिखाई दे रहे हैं। सोमवार को आरोपी प्रधानाचार्य पर कार्रवाई के लिए एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कॉलेज के सामने ही विरोध प्रदर्शन एवं नारेबाजी कर पुतला फूंका। इसके बाद कोतवाली प्रभारी निरीक्षक को डीएम के नाम ज्ञापन दिया जिसमें कार्रवाई के साथ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है।
दोपहर काफी संख्या में गांव सुल्तानपुर के लोग इंटर कॉलेज के सामने एकत्रित हो गए एवं उन लोगों ने प्रधानाचार्य के विरुद्ध नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। कस्बे में जलूस निकाला एवं कालेज के मुख्य गेट पर प्रधानाचार्य का पुतला फूंका।
ग्रामीणों का कहना है कि जब तक प्रधानाचार्य को उसके पद से बर्खास्त नही किया जाता एवं उसे गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक उसके विरुद्ध आंदोलन जारी रहेगा।
विरोध प्रदर्शन करने वालों में राहुल यादव, रवि होंडा, सहफुल्ला, ईलू, ¨टकू, सीवी गौतम व रवि यादव आदि थे। वहीं आरोपित प्रधानाचार्य का कहना है कि उनके विरुद्ध यह एक साजिश है। उनकी व कॉलेज की छवि खराब करने के लिए इस तरह का कृत्य किया गया है। इनकी सुनो-
यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। किसी ने मेरे पास आकर कोई शिकायत नहीं की है। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक ने फोन पर ज्ञापन देने की सूचना दी थी। मैं जरूरी मी¨टग व्यस्त होने के कारण उस ज्ञापन को पढ़ नही सकी हूं। मामले की जांच कराकर कार्रवाई तय की जाएगी।
ज्योत्सना बंधु, एसडीएम सादाबाद समाचार पत्रों के माध्यम से मामला संज्ञान में आया है। अश्लील मैसेज भेजने वाले प्रधानाचार्य के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रबंधक को पत्र लिखा गया है। कमेटी के जरिए जांच कराई जाएगी।
-सुनील कुमार, डीआइओएस, हाथरस