भाजपा से क्षत्रिय को टक्कर दे सकते हैं बसपा के वीर?
अब भाजपा की टिकट घोषणा पर बसपा की टकटकी ब्लर्ब- अलीगढ़ में भाजपा ने ठाकुर प्रत्याशी उतारा तो रामवीर हो सकते हैं बसपा का चेहरा
जागरण संवाददाता, हाथरस : भाजपा में जाने की कयासों पर विराम के बाद बसपा के कद्दावर नेता रामवीर उपाध्याय के अगले सियासी कदम को लेकर विरोधी दलों की बेचैनी है। पांच साल से सांसदी से दूर रामवीर की खामोशी राजनीतिक जानकारों को हजम नहीं हो रही। रामवीर के भाजपा में जाने से साफ इन्कार के बाद अब उनके अलीगढ़ से गठबंधन का प्रत्याशी होने की चर्चाएं तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि बीजेपी ने अलीगढ़ से क्षत्रिय प्रत्याशी को मैदान में उतारा तो रामवीर बसपा का ब्राह्मण चेहरा हो सकते हैं। अब बसपा की टकटकी भाजपा की टिकट पर है।
नौ मार्च को सीमा उपाध्याय के फतेहपुरसीकरी सीट छोड़ने के बाद शुरू हुए उनके भाजपा अध्याय पर शनिवार को रामवीर उपाध्याय ने प्रेसवार्ता कर पूरी तरह विराम लगा दिया। उन्होंने खुद को बसपा का सिपाही बताया और भाजपा में जाने की खबरों को भ्रामक करार दिया। उन्होंने प्रेसवार्ता में दो बातें कहीं। एक तो यह कि वह चुनाव लड़ेंगे नहीं, लड़वाएंगे। दूसरी यह कि बहनजी जहां से कहेंगी वहीं से वह चुनाव लड़ेंगे। इसी के बाद से उनके अलीगढ़ से बसपा प्रत्याशी घोषित होने की चर्चाएं राजनीतिक गलियारों में गर्म हो गईं।
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो फतेहपुर सीकरी से बसपा सुप्रीमो मायावती ने ही सीमा उपाध्याय को चुनाव लड़ाने के लिए कहा था मगर सीमा उपाध्याय ने ऐन वक्त पर चुनाव लड़ने से मना कर दिया। इसके बाद भी रामवीर उपाध्याय बार-बार बहन जी के अगले आदेश का हवाला दे रहे हैं। दूसरी ओर सीमा उपाध्याय के 2014 में फतेहपुर सीकरी से चुनाव हारने के बाद 2019 लोकसभा चुनाव में रामवीर परिवार से किसी के दावेदारी न करने की बात गले नहीं उतर रही है।
माना जा रहा है कि अलीगढ़ के चुनावी समीकरणों को देखते हुए भाजपा ठाकुर या बाह्मण प्रत्याशी को टिकट देगी। ऐसा हुआ तो रामवीर उपाध्याय बसपा का ब्राह्मण चेहरा हो सकते हैं। सोमवार शाम तक भाजपा के प्रत्याशी की घोषणा की संभावना है। दो जाट प्रत्याशियों से
बिगड़ रहे समीकरण
बसपा अलीगढ़ सीट से अजीत बालियान को प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। एक दिन पहले कांग्रेस ने पूर्व सांसद चौ. बिजेंद्र सिंह को टिकट देकर इस सीट पर जाट समीकरण बिगाड़ दिया है। इसके बाद से ही रामवीर उपाध्याय के बसपा से मैदान में उतारे जाने के दावे किए जा रहे हैं। इनका कहना है
मैने कभी भी बहन जी से टिकट नहीं मांगा। उन्होंने जहां से भी कहा, वहीं से मैं और सीमा उपाध्याय चुनाव लडे़ हैं। अगर बहन जी अलीगढ़ से चुनाव लड़ने का आदेश करेंगी तो मैं उसका जरूर पालन करूंगा।
-रामवीर उपाध्याय, पूर्व मंत्री बसपा।