घर-घर गंगाजल पहुंचा रहे 'भगीरथ'
रोडवेज के पूर्व परिचालक 25 साल से कर रहे लोगों की निस्वार्थ सेवा फिक्रमंद -कैंसर और अल्सर पीड़ित मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही पहल -जिले के अलावा आसपास के जिलों से भी लोग गंगाजल लेने
प्रमोद सिंह, हाथरस : हाथरस के अशोक नगर के रहने वाले बीपी ओझा शहरवासियों के लिए भगीरथ से कम नहीं हैं। वह यूपी रोडवेज के पूर्व परिचालक हैं और 25 साल से लोगों की नि:स्वार्थ सेवा कर रहे हैं। हरिद्वार से गंगाजल मंगाकर उसको निश्शुल्क वितरित कराते हैं। जिले के अलावा आसपास के कई जिलों के लोग उनके यहां गंगाजल लेने आते हैं। वे छोटी-छोटी कट्टियों में भरकर घर-घर वितरित भी करते हैं। सामाजिक और धार्मिक कार्याें को पूरा समय देते हैं।
भैरवनाथ ने दिखाई राह :
आगरा रोड स्थित अशोक नगर निवासी भगवती प्रसाद ओझा जहां रहते हैं, वहां करीब 1975 में भैरवनाथ मंदिर की स्थापना कराई गई थी। पूर्व परिचालक का कहना है कि भगवान भैरवनाथ से प्रेरणा लेकर वे लोगों की नि:स्वार्थ सेवा कर रहे हैं। दरअसल रोडवेज में तैनाती के कारण उनका चक्कर हरिद्वार के लिए लगता रहता था। अब वे रोडवेज में नहीं हैं, लेकिन अभी भी गंगाजल नियमित मंगाते हैं।
हरिद्वार के गंगाजल का महत्व :
हरिद्वार के गंगाजल का अपना अलग महत्व है। लोग वहां स्नान करने के लिए जाते हैं और वहां से गंगाजल लेकर आते हैं, लेकिन अब उन्हें यह गंगाजल हाथरस में ही निश्शुल्क मिल जाता है। सुबह और शाम के वक्त गंगाजल वितरित किया जाता है। गंगाजल लेने के लिए लोगों को अपने घरों से पात्र लेकर आना पड़ता है। जिन लोगों के पास पात्र नहीं होता है उन्हें कट्टियों में गंगाजल दिया जाता है। मरीज भी आते है गंगाजल लेने :
कैंसर, अल्सर रोग से पीड़ित लोग गंगाजल लेने के लिए पूर्व परिचालक के पास आते हैं। उनका मानना है कि कैंसर और अल्सर के रोग में गंगाजल काफी फायदेमंद होता है। इसके साथ ही जिन लोगों पर प्रेतबाधा होती है, ऐसे लोगों के परिजन भी गंगाजल लेने के लिए आते हैं।
अब साथी करते हैं मदद
रोडवेज के कर्मचारी न होने पर अब उनके साथी उनकी मदद करते हैं। जो बसें हाथरस से हरिद्वार के लिए जाती हैं, उस बस के परिचालक गंगाजल लाकर पूर्व परिचालक को उपलब्ध कराते हैं। वे पूर्व परिचालक से गंगाजल लाने का कोई शुल्क नहीं लेते हैं। धर्म कार्य में विशेष आस्था
पूर्व परिचालक गंगाजल के साथ-साथ धार्मिक कार्यों से भी जुड़े हुए हैं। शहर में सुबह के वक्त प्रभात फेरी निकाली जाती है। इसके निकलने से आसपास का माहौल भक्तिमय हो जाता है। इसके साथ ही हर रविवार को संकीर्तन के अलावा भैरों भगवान की आरती का आयोजन किया जाता है।