स्नातक में दाखिले बढ़ाने के लिए डाल रहे डोरे
-नकल पर अंकुश लग जाने से घटने लगी है विद्यार्थियों की संख्या -प्रचार कर बेहतर अंकों से पास कराने का दे रहे संचालक आश्वासन
संवाद सहयोगी, हाथरस : नकल पर नकेल का असर अशासकीय और वित्तविहीन महाविद्यालयों में प्रवेश के दौरान दिखाई दे रहा है। प्रचार के माध्यम से ऐसे महाविद्यालय तरह-तरह के प्रलोभन देकर विद्यार्थियों को रिझा रहे हैं।
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में नकल पर अंकुश लग जाने के बाद अब नकल के सहारे अपनी नैया पार करने के लिए वित्तविहीन महाविद्यालयों की ओर विद्यार्थी देखते हैं। आजकल अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के अलावा वित्तविहीन महाविद्यालयों में स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। वित्तविहीन महाविद्यालय संचालक अब इस जुगाड़ में लग गए हैं कि अधिक से अधिक प्रवेश उनके विद्यालयों में हो सके। इसके लिए महाविद्यालयों के आसपास होर्डिग्स, बैनर, बॉल पोस्टर के जरिए प्रचार प्रसार कर रहे हैं। महाविद्यालयों के प्रचार प्रसार को देखकर अभिभावक भी जानकारी लेने के लिए पहुंच रहे हैं। बताते चले कि महाविद्यालयों के द्वारा प्रवेश के समय तो विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा और कम फीस की बात कही जाती है, लेकिन एक बार जब प्रवेश विद्यार्थियों के द्वारा ले लिया जाता है तो तरह-तरह की फीस विद्यार्थियों पर थोप दी जाती है।