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लोन की रकम आते ही खाते से पार

ग्राहक को तीन महीने बाद हो पाई नौ लाख रुपये लोन स्वीकृति की जानकारी कारस्तानी पीड़ित ने बैंक मैनेजर व एक दलाल पर लगाए आरोप नहीं हो रही सुनवाई अब पीड़ित ने मुख्यमंत्री व बैंक के उच अधिकारियों से की शिकायत

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Sep 2019 12:16 AM (IST)Updated: Wed, 04 Sep 2019 12:16 AM (IST)
लोन की रकम आते ही खाते से पार
लोन की रकम आते ही खाते से पार

जागरण संवाददाता, हाथरस : नवल नगर के नीरज गर्ग के इलाहाबाद बैंक खाते में लोन के नौ लाख रुपये आए और दूसरे दिन ही पार हो गए। पहले से मौजूद एक लाख रुपये भी उन्हीं के ब्लैंक चेक से निकाल लिए गए। तीन महीने बाद जब बैंक स्टेटमेंट निकलवाया तो लोन स्वीकृति की जानकारी हुई। उनका आरोप है कि बैंक मैनेजर व एक दलाल ने मिलकर यह फ्रॉड किया है। बैंक से आश्वासन न मिलने पर मुख्यमंत्री व बैंक के उच्च अधिकारियों से शिकायत की है।

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नीरज गर्ग पुत्र सत्यप्रकाश गर्ग निवासी लेबर कॉलोनी को हींग की फैक्ट्री लगानी थी। उनके एक मित्र ने बताया कि इलाहाबाद बैंक, मुख्य शाखा से मुद्रा योजना के तहत लोन दिया जा रहा है। उन्होंने दिसंबर 2018 में तालाब चौराहा स्थित बैंक शाखा पहुंचे तो उन्हें वहां बबलू खान नाम का व्यक्ति मिला, जिसने लोन दिलाने की बात कही। उसने बैंक मैनेजर से भी मिलवाया। बाद में पता चला कि वह बैंक का कर्मचारी नहीं है। नीरज के अनुसार कर्मचारी न होने की बात कहने पर बबलू ने पूर्ण आश्वासन दिया। नीरज के अनुसार उन्हें मुद्रा लोन लेना था, लेकिन फार्म भरवाने के बाद उसे कुछ दिन बाद निरस्त कर दिया गया। नीरज के अनुसार बैंक मैनेजर सत्यवीर सिंह व बबलू लोन दिलाने का आश्वासन देते रहे। इसके बाद मॉर्टगेज लोन के लिए बोला। इसके लिए प्लॉट के कागज व अन्य प्रपत्र जमा करा लिए। बैंक बुलाकर कई जगह कागजों पर हस्ताक्षर कराए। इसके बाद सात हस्ताक्षर युक्त ब्लैंक चेक ले लिए गए।

नीरज गर्ग का आरोप है कि इसके बाद बैंक मैनेजर व बबलू खान उन्हें गुमराह करता रहा। रिटर्न दाखिल करने के लिए नीरज को बैंक स्टेटमेंट की जरूरत थी। 10 जुलाई 2019 को उन्होंने स्टेटमेंट निकलवाया तो अवाक रह गए। दो अप्रैल 2019 को खाते में पांच लाख रुपये आए, जो तीन अप्रैल को चेक के माध्यम से निकल गए। छह अप्रैल 2019 को 4 लाख रुपये आए। दूसरे दिन यह रकम भी दूसरे चेक से निकाल ली गई। इसके अलावा खाते में एक लाख रुपये थे, जिसमें से 92 हजार की एफडी बना दी गई, उसके भी कागजात उपलब्ध नहीं कराए जा रहे। नीरज का आरोप है कि बैंक मैनेजर की मिलीभगत से बबलू ने उन्हीं के दिए ब्लैंक चेक से रकम निकाली है। जब बबलू से शिकायत की तो उसने धमकाया तथा गाली-गलौज की। बैंक की ओर से कोई राहत न मिलने पर पुलिस व शासन में शिकायत की है। इनका कहना है

ग्राहक के आरोप गलत हैं। लोन के लिए केवल पांच चेक लिए जाते हैं। सात चेक लेने के आरोप गलत हैं। इसके अलावा लोन की रकम आने की उन्हें जानकारी थी। सभी प्रपत्रों पर उनके हस्ताक्षर भी हैं। मैं किसी बबलू खान को नहीं जानता और न ही वह बैंक का कर्मचारी है।

-सत्यवीर सिंह, मैनेजर, इलाहाबाद बैंक, मुख्य शाखा


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