दुर्घटनाओं पर प्रशासन की चुप्पी से गुस्से में ग्रामीण
-अब तक दर्जनों लोग यहां हो चुके हैं हादसों का शिकार, पेड़ पर लगे रिफ्लेक्टर से नहीं बनती बात -दो युवकों की मौत के बाद ग्रामीणों ने लगाया था जाम, आश्वासन देकर चली गई थी पुलिस
संवाद सूत्र, हाथरस : सादाबाद में राया रोड पर हुए बवाल के लिए काफी हद तक प्रशासनिक तंत्र जिम्मेदार है। दो सप्ताह पहले दो मौतों पर ग्रामीणों का आक्रोश फूटा था। समाधान की मांग को लेकर जाम लगाया था, लेकिन तब पुलिस केवल आश्वासन देकर चली गई थी। तब से अब तक उस खतरनाक मोड़ पर ऐसे कोई प्रयास नहीं हुए, जिससे दुर्घटनाएं रुक सकें।
आठ फरवरी को यहां हादसे में चंद्रशेखर (26) निवासी दौलतपुर बल्देव (मथुरा) व भोला (25) निवासी कूमा बिचपुरी, राया (मथुरा) की मौत हुई थी। राया जाते समय पेड़ के कारण संकरा मोड़ दिखाई नहीं दिया और दोनों बाइक लेकर बंबे में जा गिरे। मौके पर ही दोनों ने दम तोड़ दिया था। ग्रामीणों को लगा कि अब प्रशासन चेतेगा तथा सालों की समस्या का हल निकलेगा, पर ऐसा हुआ नहीं। मंगलवार को फिर से दो बाइक सवार बंबे में गिरे और गंभीर रूप से घायल हुए। इस हादसे के कारण ग्रामीणों का सब्र जवाब दे गया और वे बुधवार को सड़क पर आ गए। हल्के में लेती रही पुलिस
जाम लगने की सूचना पर चौकी इंचार्ज व पीआरवी मौके पर पहुंच गई थी। पुलिस ने समझाया, लेकिन ग्रामीण हटने को तैयार नहीं थे। एक बुजुर्ग वहीं सड़क पर ही लेट गए तथा उनके इर्द-गिर्द काफी संख्या में लोग जमा थे। पुलिस समझाती रही और ग्रामीण हटे नहीं। हैरानी की बात है कि कई घंटे तक कोई अधिकारी नहीं पहुंचा, जबकि जाम में फंसे लोग परेशान हो रहे थे। वन विभाग नहीं दे रहा ध्यान
वट वृक्ष काफी पुराना है तथा संरक्षित है। इस वजह से ग्रामीण खुद उसे नहीं काट सकते। हालातों को देखते हुए ग्रामीण इसे हटाने की मांग प्रशासन से कर रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार वन विभाग के अधिकारी उन्हें पूर्व में आश्वासन दे चुके हैं। जनवरी से अब तक दो लोगों की मौत तथा एक दर्जन से अधिक लोग इस मोड़ पर घायल हो चुके हैं। इसके बाद पेड़ पर केवल रिफ्लेक्टर ही लगेंगे, जिनका दिन में कोई लाभ नहीं। दिल्ली जाने वाले लोग रहे परेशान
इस हंगामे के चलते राया मार्ग करीब आठ घंटे जाम रहा। इससे मथुरा व दिल्ली जाने वाले लोग काफी परेशान रहे। राया से यमुना एक्सप्रेस-वे होकर लोग दिल्ली जाते हैं। घंटों जाम में फंसने के कारण लोगों की योजनाएं धरी की धरी रह गईं। वाहन पीछे मुड़ने की स्थित में भी नहीं थे। पथराव करने वालों की तलाश में पुलिस
हड़ताल पर बैठे लोगों द्वारा पुलिस के सख्ती दिखाए जाने पर पथराव किया गया। जाम खुलने के बाद पुलिस ने इलाके में फ्लैग मार्च किया तथा ऊंचागांव में जाकर घरों की तलाशी ली गई। पुलिस पथराव करने वालों को तलाश रही है।