फिर से इतिहास रचेगा अखिल भारतीय कवि सम्मेलन
दैनिक जागरण के संयोजन में आयोजन, देश के नामचीन कवि आएंगे
जागरण संवादददाता, हाथरस : ब्रज के लक्खी मेला श्री दाऊजी महाराज में 29 सितंबर की रात को यादगार बनाने के लिए 'दैनिक जागरण' ने एक बार फिर कमर कस ली है। यह रात हास्य की बौछार, गीत की फुहार व ओज की हुंकार से गुलजार होगी। मौका होगा पद्मश्री काका हाथरसी की स्मृति में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का। इसकी तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं। देश के नामचीन कवि काव्यपाठ करेंगे। कई कवियों के नाम फाइनल हो चुके हैं।
दाऊजी मेले में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन दैनिक जागरण पिछले कई वर्षों से कराता आ रहा है। हर वर्ष हमारा प्रयास रहता है कि कवि सम्मेलन में अपना ही रिकार्ड टूटे। इस बार 29 सितंबर की रात्रि को यादगार बनाने के लिए देशभर से नामचीन कवियों की टीम तैयार की जा रही है। दैनिक जागरण की कोशिश है कि इस वर्ष भी देश के प्रसिद्ध हास्य कवि श्रोताओं को गुदगुदाएं तो नामचीन गीतकार मंत्रमुग्ध कर दें। श्रोताओं में जोश भरने के लिए देश के प्रमुख ओज कवियों से संपर्क किया गया है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी यह कवि सम्मेलन अनूठा संदेश छोड़ेगा। इस कार्यक्रम के उद्घाटन को लेकर अतिथियों के नामों पर भी मंथन चल रहा है।
गौरी ने श्रृंगार रस
में बनाई पहचान
दैनिक जागरण के संयोजन में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में नैनीताल की गौरी मिश्रा का नाम फाइनल हो चुका है। वह श्रोताओं को अपनी काव्य रचनाओं से मंत्रमुग्ध करेंगी। अखिल भारतीय कवि सम्मेलनों में काव्य पाठ कर चुकीं गौरी मिश्रा श्रृंगार रस विधा में तेजी से उभरता हुआ नाम है। 30 वर्षीय गौरी की कई रचनाओं को खूब ख्याति मिली है। ये रही उनकी एक रचना:-
'घुटन को छोड़ शहरों की तुम्हारे गांव आई है, जहां थी धूप मुद्दत से वहां पर छांव आई है, जो पहुंची हूं बुलंदी पर परेशां हो रहे हैं सब, मोहब्बत दूर से चलकर के नंगे पाँव आयी है।'