अधिवक्ताओं से टकराव में शुक्ला का हुआ था तबादला
आठ महीने हाथरस में एडीएम रहे थे बर्खास्त हुए अशोक शुक्ला अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे अधिवक्ता
जासं, हाथरस : प्रदेश सरकार की ओर से शुक्रवार को बर्खास्त किए गए पीसीएस अधिकारी अशोक कुमार शुक्ला की हाथरस में तैनाती के दौरान कलक्ट्रेट के अधिवक्ताओं से पटरी नहीं बैठी। उनका व्यवहार ऐसा था कि अधिवक्ता लामबंद होकर हड़ताल पर चले गए। स्थिति ऐसी रही कि बाद में शासन को उनका तबादला ही करना पड़ा।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले फरवरी के मध्य में एडीएम अशोक कुमार शुक्ला हाथरस आए थे। चुनाव के साथ प्रशासनिक कार्याें की उनकी जिम्मेदारी थी। इस बीच उनकी कलक्ट्रेट के अधिवक्ताओं से अनबन हो गई। कई बार विवाद हुआ। अधिवक्ता एडीएम के व्यवहार को लेकर नाराज थे, उन पर दूसरे भी कुछ आरोप लगे। यह मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचा। एक बार अधिकारियों ने अधिवक्ताओं और एडीएम के बीच वार्ता कराकर विवाद खत्म कराया। इसके कुछ दिन बाद अधिवक्ताओं ने फिर से एडीएम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। अधिवक्ताओं ने सितंबर में डीएम को ज्ञापन सौंपकर साफ कह दिया था कि जब तक एडीएम का तबादला नहीं हो जाता, वे कार्य पर नहीं लौटेंगे। कुछ दिन बाद ही हाथरस के दौरे पर पहली बार आए नोडल अधिकारी जीएस प्रियदर्शी से उनकी शिकायत की थी। इसके बाद 21 अक्टूबर 2019 को एडीएम का तबादला लखनऊ कर दिया गया। उन्हें ओएसडी राजस्व परिषद बनाया गया। उनके स्थान पर झांसी से आए जेपी सिंह ने चार्ज लिया था।