परिवार की खुशहाली के लिए मनाया गया अहोई अष्टमी पर्व
निर्जला व्रत रख महिलाओं ने रात में की तारों की पूजा संतान को रोगों से दूर रखने के लिए रखा जाता है व्रत।
संवाद सहयोगी, हाथरस : अहोई अष्टमी का पर्व रविवार को पूरे जिले में मनाया गया। इस दिन महिलाओं ने निर्जला उपवास रखा और परंपरागत तरीके से तारों का दर्शन कर पूजा अर्चना की। बच्चों के आरोग्य व सुखी जीवन के लिए यह पर्व माताओं द्वारा मनाया जाता है।
दीपावली से एक सप्ताह पूर्व कार्तिक मास की अष्टमी को यह पर्व मनाया जाता है। इस दिन महिलाओं ने सुबह से ही निर्जला उपवास रखकर पूजा की तैयारियां शुरू कर दी थीं। संतान की दीर्घायु व परिवार की सुख-समृद्धि के लिए यह व्रत रखा गया। महिलाओं ने दोपहर के समय अहोई अष्टमी की कथा भी सुनी। शाम के समय घरों में पकवान तैयार कराए गए। वहीं खड़िया व गेरू से स्याहू माता व उसके सात पुत्रों के चित्र दीवार व घर के आंगन में बनाकर उनकी पूजा की गई। घरों में बुजुर्गाें को दान-दक्षिणा दी गई। वहीं प्रसाद का वितरण किया गया। रात के समय तारों को देख व्रत खोलकर पूजा-अर्चना की गई। घरों में की गई स्याहू माता की पूजा
सिकंदराराऊ में अहोई अष्टमी पर सुबह से ही माताओं में अलग ही उत्साह दिख रहा था। उन्होंने सुबह व्रत रखकर शाम को तारों की पूजा की। इसके अलावा सादाबाद, सासनी, हसायन, सहपऊ, पुरदिलनगर क्षेत्र के कस्बा व ग्रामीण इलाकों में यह पर्व मनाते हुए माताओं ने बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए स्याहू माता की पूजा की। कोरोना से मुक्ति के लिए
किया गया रामायण पाठ
संसू, पुरदिलनगर : क्षेत्र के गांव जिरोली कलां स्थित हनुमान मंदिर पर कोरोना महामारी से राहत दिलाने के लिए रविवार को अखंड रामायण पाठ का आयोजन किया गया। इस मौके पर मोहित शर्मा , विवेक शर्मा , पवन शर्मा , पंकज शर्मा , शिवम शर्मा , मोहन गुरु आदि मौजूद रहे।