आखिर इस दर्द की दवा क्या है
पानी के लिए जंग : बेजा नहीं खारे पानी की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों का गुस्सा
जागरण संवाददाता, हाथरस : हसायन ब्लॉक के गांव नगला माया के लोग वर्षों से खारे पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। नगला मया ही नहीं जिले की 61 ग्राम पंचायतों में पीने योग्य पानी नहीं है। पानी के कारण ज्यादातर गांव वालों को बीमारियों ने जकड़ लिया है। गांवों में मीठे पानी के लिए प्रशासन ने प्रस्ताव तो भेजा है लेकिन शासन ने अभी तक इसे मंजूरी नहीं दी है। यही वजह है कि पांच महीने में गांव वाले दूसरी बार आंदोलन पर उतारू हुए हैं। गांव वालों के इस असहनीय दर्द की दवा न शासन के पास है न प्रशासन के पास।
मंगलवार को दैनिक जागरण ने गांव नगला मया, नगला मान में पड़ताल की। यहां के लोग फ्लोराइड वाले पानी की वजह से तरह-तरह की बीमारियों से जूझ रहे हैं। सबसे ज्यादा प्रकोप त्वचा और हड्डी संबंधी बीमारियों का है। किसी को चलने में दिक्कत है तो किसी की कमर झुक गई है। जब अधिकारी उनकी समस्या का निदान नहीं कर सके को ग्रामीणों ने भगवान से न्याय की गुहार लगाई है। इन गांवों में बुरे हैं हालात
नगला मया, महौ, नगला मान, केशोपुर, ग्वारऊ, मोहब्बतपुरा, गड़िया चंदौला, नवल गढ़ी, रसूलपुर बघराया आदि।
आमरण अनशन पर बैठे
युवक की बिगड़ी हालत
हसायन : गांव नगला मया में पानी के लिए आमरण अनशन पर बैठे युवक चंद्रपाल की हालत अब बिगड़ने लगी है। उसने दो दिन से अन्न और जल नहीं लिया है। मंगलवार को दिनभर के बाद रात में भी वह धरना स्थल पर लेटा रहा। गांव वाले अन्य लोग भी उसके पास बैठ गए हैं। चंद्रपाल ने बताया कि उसे घबराहट हो रही है। शरीर में बहुत कमजोरी है। पैर कांप रहे हैं। हैरत की बात तो यह है कि अभी तक प्रशासन ने उसकी सुध नहीं ली है। इनका कहना है
प्रशासन ग्रामीणों की मदद के लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा है। शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। वहां से मंजूरी मिलते ही पानी की समस्या पर काम कराया जाएगा। हमने पहले भी चंद्रपाल से आह्वान किया था कि वह अनशन न करे। आज गांव में अधिकरियों और चिकित्सकों की टीम भेजकर चंद्रपाल से अनशन खत्म करने की अपील करेंगे।
- डॉ. रमाशंकर मौर्य, जिलाधिकारी हाथरस।