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जिले के स्कूलों को एक डोर में बांधेगा 'नई दिशा'

प्रमोद सिंह, हाथरस जिले के स्कूलों की हर गतिविधि अब 'नई दिशा' नाम के एप पर अपडेट रहा करेगी

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Aug 2018 12:31 AM (IST)Updated: Wed, 01 Aug 2018 12:31 AM (IST)
जिले के स्कूलों को एक डोर में बांधेगा 'नई दिशा'
जिले के स्कूलों को एक डोर में बांधेगा 'नई दिशा'

प्रमोद सिंह, हाथरस

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जिले के स्कूलों की हर गतिविधि अब 'नई दिशा' नाम के एप पर अपडेट रहा करेगी। बेसिक शिक्षा में सुधार के उद्देश्य से जल्द ही ऐसा एप लॉन्च किया जाएगा, जिसमें शैक्षिक व सह-शैक्षिक गतिविधियों दर्ज की जाएंगी। जिले के सभी स्कूल व शिक्षकों को इस एप से जोड़कर उन्हें एक मंच उपलब्ध कराया जाएगा। एप पर स्कूलों के कार्यक्रम, विशेष आयोजनों का ब्योरा साझा होगा। शिक्षक अपने अवकाश की सूचना भी एप पर ही दे सकेंगे। इससे न सिर्फ स्कूल व शिक्षक एक-दूसरे से जुड़े रहेंगे, बल्कि गतिविधि परक शिक्षा के माध्यम से गुणवत्ता में सुधार की भी पहल होगी।

इसके लिए रायबरेली के डीएम ने 17 जुलाई को हाथरस के डीएम डॉ. रमाशंकर मौर्य को पत्र भेजा है। उनके मुताबिक रायबरेली में यह प्रयास सफल होने के बाद वे अन्य जिलों में भी लागू कराना चाहता हैं। एप के लागू होने से स्कूलों में हर माह महत्वपूर्ण दिवसों (विश्व पर्यावरण दिवस, श्रमिक दिवस आदि) को मनाने का अवसर मिला करेगा। शिक्षक नए विचार दे सकेंगे, जो सभी के बीच रखे जाएंगे। नई गतिविधियां आयोजित कराने की प्रतिस्पद्र्धा भी बढ़ेगी।

कॉल सेटर भी बनेगा

एप के संचालन में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में एक कॉल सेंटर भी बनाया जाएगा।

एंड्रॉइड एप

नई दिशा एक एंड्रॉइड आधारित मोबाइल एप्लीकेशन होगा। इसके माध्यम से आसानी से सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा सकेगा। एप पर जिले के समस्त प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को पंजीकृत किया जाएगा। जिले में 1513 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक हैं, जिनमें करीब चार हजार शिक्षक व शिक्षिकाएं तैनात हैं। ये सभी एप से जुड़ेंगे।

अभिभावक भी जुड़ेंगे

इस एप पर पैरेट्स मीटिंग की सूचना भी अपडेट होगी। पैरेट्स मीटिंग में होने वाली वो गतिविधि, जो अन्य स्कूलों को प्रोत्साहित करें, यहां डाली जाएंगी। सर्वश्रेष्ठ पीटीएम को भी एप पर अपलोड किया जाएगा। ऐसे में शिक्षकों के साथ अभिभावक भी एक मंच पर आकर विचार साझे कर सकेंगे।

अवकाश लेना होगा आसान

विद्यालयों में शिक्षक अनुपस्थिति का सबसे बढ़ा कारण अवकाश प्रणाली के प्रभावी पर्यवेक्षण का अभाव है। इसके माध्यम से शिक्षकों को अपने अवकाश की सूचना एप या फिर कॉल सेंटर पर देनी होगी, तभी उसे अवकाश मिल पाएगा।

सम्मान भी मिलेगा

शिक्षक सम्मान एवं प्रोत्साहन के लिए ब्लॉक स्तर पर प्रत्येक माह सर्वाधिक अंक पाने वाले स्कूल को स्कूल ऑफ द मंथ से सम्मानित किया जाएगा। इससे स्कूलों में सकारात्मक प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा होगी।

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डीएम के माध्यम एक पत्र प्राप्त हुआ है। नई दिशा के नाम से एक एप बनाया जाएगा। इसमें विद्यालयों की बेहतर शैक्षिक गतिविधियों को अपलोड किया जाएगा। शिक्षकों की उपस्थिति एप पर होगी। इससे निश्चय ही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के साथ पारदर्शिता भी बनी रहेगी।

हरीशचंद्र, बीएसए, हाथरस


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