डॉ.आंबेडकर विवि के 812 बीएड अभ्यर्थी फर्जी घोषित
बीएड 2004-05 के 2823 अभ्यर्थी पहले ही घोषित हो चुके हैं फर्जी कार्रवाई -चार सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट के बाद विवि कार्य परिषद का फैसला दो शिक्षकों के प्रत्यावेदन सही पाए गए जिन्हें कार्रवाई से मुक्त किया
जागरण संवाददाता, आगरा : डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा की कार्य परिषद (ईसी) ने बीएड सत्र 2004-05 फर्जीवाड़े के मामले में अपना प्रत्यावेदन देने वाले 814 में से 812 अभ्यर्थियों को भी फर्जी घोषित कर दिया। सिर्फ दो ही अभ्यर्थियों के साक्ष्य सही पाए गए। यह फैसला ईसी की बुधवार को हुई बैठक में लिया गया। बीएड की डिग्री के आधार पर सैकड़ों छात्र राज्य के विभिन्न जिलों में शिक्षक बन चुके हैं, इनके खिलाफ बर्खास्तगी की भी कार्रवाई चल रही है।
कोर्ट के आदेश से शुरू हुई जांच में विश्वविद्यालय की चार सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट बुधवार कार्य परिषद की बैठक में रखी गई। 814 में 812 मामलों को विशेष जांच दल (एसआइटी) की फर्जी डिग्री की सूची में शामिल करने की संस्तुति की गई है। इनके परीक्षा परिणाम भी निरस्त किए जाएंगे। रिपोर्ट को उच्च न्यायालय व एसआइटी के साथ अन्य आधिकारिक कार्यालयों में प्रेषित की गई है।
यह था मामला : एसआइटी ने 3637 फर्जी अंकतालिकाओं की सूची विवि को सौंपी थी, जिसमें से 2823 अभ्यर्थी पहले ही फर्जी घोषित किए जा चुके हैं। बचे 814 अभ्यर्थियों ने खुद के अभिलेख सही होने का प्रत्यावेदन दिया था। इनकी जांच विश्वविद्यालय की चार सदस्यीय टीम ने की थी। कोर्ट द्वारा दी गई तीन महीने की मियाद भी बुधवार को पूरी हो रही थी।
दो इसलिए मिले सही : जांच में जो दो सही मामले मिले हैं, उन्होंने प्रवेश बीएड सत्र 2002-03 में लिया था, लेकिन 2004-05 में वह एक्स अभ्यर्थी के रूप में शामिल हुए। उन्होंने अपने साक्ष्य पेश किए, तो कमेटी ने उन्हें सही मानते हुए राहत दी। हाथरस के 40 शिक्षकों की
नौकरी पर लटकी तलवार
संस, हाथरस : डॉ. बीआर आंबेडकर विश्वविद्यालय ने जिन 812 अभ्यिर्थियों की बीएड डिग्री फर्जी बताई है उनमें से 40 हाथरस में नौकरी कर रहे हैं।
अब इनकी नौकरी पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है।
एसआइटी की जांच के बाद
जिले के बेसिक स्कूलों में तैनात 51 शिक्षकों की सेवा पिछले साल जुलाई में समाप्त की गई थी। इसके बाद शिक्षक कोर्ट चले गए थे। कोर्ट ने स्टे देकर विश्वविद्यालय में प्रत्यावेदन देने को कहा था, मगर 51 में से 40 शिक्षकों ने ही प्रत्यावेदन दिए थे। प्रत्यावेदन नहीं देने वाले 11 शिक्षकों की पिछले माह ही सेवा समाप्त कर दी गई थी। उनसे रिकवरी के आदेश भी जारी हो चुके हैं। कोर्ट के आदेश पर ही पिछले कई महीने से इन 40 शिक्षकों का वेतन भुगतान भी बंद है।