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    हाथरस से वृंदावन: 50 KM के सफर पर 245 रुपये का टोल, भक्तों की जेब पर असर

    Updated: Tue, 09 Dec 2025 11:41 AM (IST)

    मथुरा-बरेली हाईवे पर वृंदावन दर्शन के लिए कार से जाने वाले श्रद्धालुओं से अंधाधुंध टोल शुल्क वसूला जा रहा है। हाथरस-अलीगढ़ से वृंदावन जाने वाले श्रद्ध ...और पढ़ें

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    टोल बूथ।

    जागरण संवाददाता, हाथरस। वृंदावन दर्शन को जाने वाले कार सवारों से मथुरा-बरेली हाईवे पर अंधाधुंध टोल शुल्क वसूला जा रहा है। हाथरस-अलीगढ़ से जाने वाले हजारों श्रद्धालुओं को इसके लिए जेब ढीली करनी पड़ रही है। हाथरस से वृंदावन जाने के लिए कार से 245 रुपये टोल देना पड़ रहा है। यह किराया आने जाने का है। वहीं हल्के वाणिज्यिक वाहनों का किराया दोनों तरफ 395 रुपये है। वाहन सवार गांवों के लिंक रोड से टोल को बचाने की कोशिश में लगे हैं।

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    हाथरस से वृंदावन जाने वाले भक्तों की जेब हो रही ढीली

    वृंदावन जाने के लिए हाथरस से पहले लोग मुरसान, राया होते हुए जाते थे। राया की रेलवे क्रासिंग पर जाम के चलते सफर मुश्किल हो जाता था। घंटों लाेग जाम में फंसते थे। मथुरा-बरेली हाईवे बनने से लोगों को राहत मिली है। राया पर ओवरब्रिज के चलते अब जाम की परेशानी दूर हो गई है। इस हाईवे के पहले फेज मे मथुरा रिफायनरी से हाथरस जंक्शन से आगे वाहनपुर तक का रोड बन गया है। आगे का काम चल रहा है। इसका टोल बूथ जवार गांव पर बनाया गया है। यह अलीगढ़ के इगलास क्षेत्र की सीमा में है।

    हाथरस-अलीगढ़ से प्रतिदिन हजारों लोग जाते हैं बांकेबिहारी दर्शन के लिए

    हाथरस में प्रतिदिन सैकड़ों लोग कार से दर्शन के लिए मथुरा-वृंदावन जाते हैं। ऐसे ही इगलास से बड़ी संख्या में लाेग वृंदावन जाने के लिए इस हाइवे का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्हें 50 किलोमीटर के लिए एक तरफ से 160 रुपये और दोतरफा 245 रुपये टोल शुक्ल देना पड़ रहा है। हल्के वाणिज्यिक वाहनों को भी एक तरफ से 260 और दो तरफा 395 रुपये का भुगतान करना पड़ रहा है।



    तीन महीने के लिए लीज पर जिम्मेदारी, घाटे में टोल कंपनियां

    मथुरा-बरेली हाईवे पर कंपनियां बेहद घाटे में होने का दावा कर रही हैं। वर्तमान में यह टोल राजस्थान की शिवा कार्पाेरेशन देख रही है। कंपनी के अधिकारियों की मानें तो टाेल पर वाहनों का आवागमन कम होने से कंपनियों को घाटा उठाना पड़ रहा है। हाथरस के वाहनपुर से मथुरा के रिफाइनरी तक 66 किलोमीटर के लिए यह टोल वसूल किया जा रहा है। इसमें बीच-बीच में गांवों के रास्ते से लोग निकलकर लोग टोल को बचाते हैं।

    फिलहाल कंपनी ने तीन महीने के के लिए इस बूथ को लिया है। पिछले माह बागेश्वर धाम महाराज की मथुरा यात्रा के दौरान इस रूट पर वाहनों का डायवर्जन रहा। ट्रैफिक कम होने से गत माह लाखों रुपये का घाटा हुआ है। अधिकारियों की मानें तो इससे पहले दो कंपनियां टोल का काम छोड़ चुकी हैं।


    वृंदावन पर एग्जिट बूथ बना किराए में हो कटौती

    लोगों की मांग है कि वृंदावन के लिए यमुना एक्सप्रेस के पास एग्जिट बूथ बनाया जाए। इस पर जिस वाहन ने जितनी दूरी तक हाईवे का इस्तेमाल किया है, उसके हिसाब से टोल शुल्क लिया जाए। इससे वाहन चालकों को राहत मिलेगी।



    यह हैं टोल की दरें-

    वाहन, एक मार्गीय किराया, वापसी किराया मासिक शुल्क
    कार या हल्के मोटर यान, 160, 245, 5400
    हल्के वाणिज्यिक वाहन, 260, 395, 8725
    बस या ट्रक (दो धुरी), 550, 825, 18280
    तीन धुरी वाले वाणिज्यिक यान, 600, 895, 19940
    भारी निर्माण मशीनरी, 860, 1290, 28665
    सात या अधिक धुरी के वाहन, 1045, 1570, 34895

    मथुरा-बरेली हाईवे पर टोल कंपनी को लगातर घाटा हो रहा है। बूथ पर ट्रैफिक कम आ रहा है। वाहन सवार गांवों के लिंक मार्गों से टोल बचाकर निकल रहे हैं। वाहनपुर से मथुरा-रिफाइनरी तक 66 किलोमीटर का टोल वसूल किया जा रहा है। - नितिन शर्मा, मैनेजर जवार टोल