हाथरस में शस्त्र लाइसेंस के 1700 आवेदन अटके
शासन के निर्देश के लिए कलक्ट्रेट में धूल फांक रहीं फाइलें अब दुबारा करना होगा आवेदन
जागरण संवाददाता, हाथरस : शस्त्र लाइसेंस की उम्मीद लगाए बैठे लोगों के लिए फिलहाल राहत बड़ी दूर है। जिले में 1700 से अधिक लोगों ने नए लाइसेंस के लिए आवेदन किया है, जिनकी फाइलें शासन के दिशा-निर्देश के इंतजार में कलक्ट्रेट में धूल फांक रही हैं। नियमानुसार अब सभी आवेदकों को फिर से आवेदन करना होगा जिसपर थानों की रिपोर्ट भी नए सिरे से लगेगी।
अक्तूबर 2018 में शस्त्र लाइसेंस पर लगी रोक हटते ही इनके आवेदनों की बाढ़ आ गई थी। नवंबर से आवेदकों की फाइलें तमाम कार्यालयों से रिपोर्ट और सत्यापन के बाद कलक्ट्रेट पहुंचने लगी थीं। लोगों को उम्मीद थी कि आचार संहिता लगने से पहले लाइसेंस बनने शुरू हो जाएंगे, लेकिन जिलाधिकारी ने लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया शुरू नहीं की। चुनाव बाद भी शस्त्र लाइसेंस बनाने की प्रकिया शुरू नहीं हुई।
सूत्रों की मानें तो यूपी के अन्य जनपदों में भी लाइसेंस नहीं बनाए जा रहे हैं। जिला प्रशासन को कुल 1820 आवेदन मिले हैं, जिनमें करीब 100 आवेदन वारिसान के हैं। ज्यादातर की फाइलें कलक्ट्रेट पहुंच गई हैं। इनमें सबसे ज्यादा आवेदन रिवाल्वर और पिस्टल के हैं। नियमानुसार छह माह पूरा होने पर फाइलों का पुन: सत्यापन कराना जरूरी है, क्योंकि लाइसेंस के आवेदन में लगी थानों की एनओसी, आय प्रमाणपत्र आदि दस्तावेज रीन्यू होना जरूरी हैं। माननीय और अधिकारी
थे लाइसेंस की दौड़ में
शस्त्र लाइसेंस की दौड़ में कई अधिकारी और माननीय भी शामिल थे। निवर्तमान सांसद राजेश दिवाकर ने राइफल के लिए आवेदन किया था। वहीं उनकी पत्नी श्वेता चौधरी ने पिस्टल के लिए आवेदन किया था। सिकंदराराऊ की तत्कालीन एसडीएम अंजुम बी और सादाबाद के तहसीलदार ठाकुर प्रसाद ने भी रिवॉल्वर के लिए आवेदन किया है। सभी की फाइलें सत्यापन के बाद कलक्ट्रेट पहुंच गईं लेकिन लाइसेंस नहीं बन सके। ये रहे शस्त्र लाइसेंस आवेदन के आंकड़े
थाना क्षेत्र, आवेदन
सदर कोतवाली, 215
हाथरस गेट, 209
सासनी, 155
हाथरस जंक्शन, 194
सिकंदराराऊ, 340
हसायन, 122
सादाबाद, 321
सहपऊ, 87
मुरसान, 89
चंदपा, 88
इनका कहना है
आचार संहिता के कारण शस्त्र लाइसेंस की प्रक्रिया रुक गई थी। फिलहाल शासन के निर्देशों का इंतजार है। शासन के निर्देशों के अनुरूप लाइसेंस बनाने की प्रकिया शुरू होगी।
-प्रवीण कुमार लक्षकार, जिलाधिकारी हाथरस।