धारा 376 के निस्तारण में हाथरस का 13वां स्थान
यौन अपराधों की मॉनिटरिग के बाद मुख्यालय ने जारी की जिलों की सूची पोक्सो एक्ट के निस्तारण में 22वां स्थान रेंज में दोनों मामलों में अव्वल
जागरण संवाददाता, हाथरस: यौन अपराधों के मामलों के गुणवत्ता पूर्ण विवेचनाओं में जिले की स्थिति बेहतर रही है। इन्वेस्टिगेशन ट्रैकिग सिस्टम फॉर सेक्सुअल ऑफेंस (आइटीएसएसओ) के जरिए शासन स्तर पर हुई एक साल के मुकदमों की समीक्षा के बाद डीजीपी कार्यालय से जिलों की सूची जारी की गई है। विवेचनाओं के समय से निस्तारण के लिए डीजी ने अधिकारियों को समय-समय पर पर्यवेक्षण करने के निर्देश दिए हैं।
यौन अपराधों के मामलों को गंभीरता से लिया जाता है। देश में लगातार इन मामलों में बढ़ोतरी भी हो रही है। इनकी रोकथाम के लिए दुष्कर्म व पोक्सो एक्ट में दर्ज होने वाले मामलों की विवेचना दो माह के अंदर पूर्ण करने के निर्देश हैं। इसके लिए सीसीटीएनएस पोर्टल पर संबंधित जानकारियां अपडेट की जाती हैं, जिससे शासन स्तर से मॉनिटरिग की जा सके। इन मामलों की मॉनिटरिग के लिए 'आइटीएसएसओ' सिस्टम तैयार किया गया है। इसके जरिए की गई जिलेवार समीक्षा की रिपोर्ट डीजीपी कार्यालय से जारी की गई है। धारा 376 के दर्ज होने मामलों की गुणवत्ता पूर्ण निस्तारण में हाथरस को 13वां स्थान मिला है। वहीं पोक्सो एक्ट के मामले में 22वां स्थान। अनुपालन दर के अनुसार यह रैंक दी गई। इन दोनों ही मामलों में जिले की स्थिति जोन में बेहतर है।
21 अप्रैल 2018 से 28 मई 2019 तक जिले में दुष्कर्म के 117 मामले दर्ज हुए। इनमें से 63 मामलों की विवेचना दो महीने के अंदर पूर्ण कर रिपोर्ट कोर्ट में प्रेषित की गई, जबकि 28 मामलों की विवेचना दो महीने बाद हो सकी। अभी 26 मामले ऐसे हैं, जो लंबित चल रहे हैं। इन मामलों में अनुपालन दर 56.36 फीसद रही है। इसी समय सीमा में पोक्सो एक्ट के 70 मामले दर्ज हुए। पुलिस ने 42 मामलों की विवेचना दो महीने के अंदर पूर्ण कर रिपोर्ट कोर्ट प्रेषित की। वहीं 23 मामलों की विवेचनाओं में दो महीने से अधिक समय लगा। पोक्सो एक्ट के पांच मामले अभी लंबित हैं। इनकी अनुपालन दर 59.70 फीसद है। सुधार की आवश्यकता
डीजी ने सूची जारी करते हुए टॉप टेन में आने वाले जिलों की सराहना की है, लेकिन साथ ही स्थिति में सुधार के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने यौन अपराधों को रोकने व घटित मामलों की विवेचनाएं दो माह के अंदर शत-प्रतिशत निस्तारित करने पर जोर दिया है, जिससे अभियुक्तों को जल्द से जल्द सजा दिलाई जा सके। इसके लिए सीसीटीएनएस पर सूचनाएं अपडेट रखने व मासिक बैठक कर समीक्षा के निर्देश दिए हैं।
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