15 स्कूलों में 1200 बच्चे, शिक्षक सिर्फ नौ
हाथरस सीबीएसई की तर्ज पर परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई का दम भरने वाले बेसिक शिक्षा विभाग के अफ
हाथरस : सीबीएसई की तर्ज पर परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई का दम भरने वाले बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों को नगर के स्कूलों की दुर्दशा नजर नहीं आती। यहां स्कूलों में बच्चे तो खूब हैं, लेकिन पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं हैं। हालात इतने खराब हैं कि 15 स्कूलों में 1200 बच्चे पंजीकृत हैं, मगर उन्हें पढ़ाने के लिए मात्र नौ शिक्षक हैं। इनमें भी कई शिक्षक ऐसे हैं जो तीन से चार स्कूलों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। उन्हें भी बीएलओ की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभालनी पड़ती है। स्वच्छ भारत मिशन का भी मजाक उड़ रहा है। कई स्कूलों में बालिकाओं के लिए शौचालय तक नहीं है। पेयजल का इकलौता सहारा हैंडपंप भी तमाम स्कूलों में खराब है।
ऐसे हुई शुरुआत :शासन ने 1972 में नगरीय क्षेत्र में संचालित 13 प्राथमिक विद्यालय व दो पूर्व माध्यमिक विद्यालय नगर पालिका से बेसिक शिक्षा परिषद को हस्तांतरित किए थे। उसी समय से इन स्कूलों के बुरे दिन की नींव पड़ गई। तब से शिक्षकों की कोई नियुक्ति नहीं हुई। 13 प्राथमिक विद्यालयों में मात्र चार प्रधानाध्यापक व दो सहायक अध्यापक हैं। यहा नौ प्रधानाध्यापक व 24 सहायक अध्यापकों के पद खाली हैं। दोनों पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के पद रिक्तहैं, जबकि मात्र दो सहायक अध्यापक हैं। पांच शिक्षक मृतक आश्रित कोटे में नियुक्त हुए हैं। पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में गणित, अंग्रेजी, विज्ञान विषय के शिक्षक नहीं हैं।
विद्यालयवार स्थिति :प्राथमिक विद्यालय किला में नवेद हसन अंसारी प्रधानाध्यापक हैं। वह प्राथमिक विद्यालय नौखेल, प्राथमिक विद्यालय नौरंगाबाद पश्चिमी कन्या व प्राथमिक विद्यालय बालक के प्रभारी प्रधानाध्यापक का दायित्व भी संभाल रहे हैं। राजेश कुमार गुप्ता पूर्व माध्यमिक कन्या विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक हैं। उनके पास प्राथमिक विद्यालय नगला शीशगर व प्राथमिक विद्यालय कन्या बारहसैनी का भी जिम्मा है। प्राथमिक विद्यालय कन्या व प्राथमिक विद्यालय नगला शीशगर में एक भी शिक्षक तैनात नहीं हैं। रिहाना बेगम प्राथमिक विद्यालय नौरंगाबाद पूर्वी व बगिया बारहसैनी दोनों स्कूलों की प्रधानाध्यापक हैं। प्राथमिक विद्यालय दमदमा की प्रधानाध्यापक नसीम बेगम पर प्राथमिक विद्यालय बालक हुरमतगंज की प्रभारी का भी जिम्मा है। दीपक कुमार प्राथमिक विद्यालय गौसगंज व प्राथमिक विद्यालय कन्या हुरमतगंज व ललित मोहन भारद्वाज वाचनालय और प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं। पूर्व माध्यमिक विद्यालय पुरानी तहसील, जो कभी गुणवत्ता के लिए पूरे तहसील क्षेत्र में अलग पहचान रखता था, आज इस स्कूल का बुरा हाल है। संस्कृत शिक्षक रविंद्र कुमार सक्सेना यहा पर प्रभारी प्रधानाध्यापक हैं। यहा कोई दूसरा शिक्षक नहीं है।
शौचालय और हैंडपंप भी नहीं
नौरंगाबाद पूर्वी विद्यालय में बालिकाओं के लिए भी शौचालय नहीं है। स्कूल सड़क से नीचा होने के कारण बरसात का पानी भर जाता है। प्राथमिक विद्यालय हुरमतगंज व प्राथमिक विद्यालय दमदमा एक ही परिसर में संचालित हैं, जो एकमात्र कमरे में चल रहे हैं। यहा का हॉल पहले ही गिर चुका है। स्कूलों में लगे हैंडपंपों की की स्थिति भी ठीक नहीं है। कहीं नल खराब पड़ा है तो कहीं गंदा पानी आ रहा है।
इनकी भी सुनो
एक अकेला शिक्षक तीन या चार स्कूलों के बच्चों को कैसे पढ़ा सकता है। सभी स्कूलों में कम से कम एक शिक्षक तो होना ही चाहिए।
-राजेश कुमार गुप्ता, प्रभारी प्रधानाध्यापक
स्कूलों में जो बचे हुए शिक्षक हैं। उनको बीएलओ की ड्यूटी भी करनी पड़ती है। अन्य विभागीय कार्य भी निपटाने होते हैं। ऐसी स्थिति में पढ़ाई नहीं हो पाती है।
-नवेद हसन अंसारी, प्रधानाध्यापक
सिस्टम की सुनो
नगर क्षेत्र के विद्यालयों में अरसे से शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई है। इस संबंध में नियमित रिपोर्ट विभाग को भेजी गई है। शिक्षकों की नियुक्ति निदेशक स्तर से ही संभव है।
-पोप सिंह, प्रभारी नगर शिक्षा अधिकारी