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गणित लगाता रहा गठबंधन, जीता भाजपा का समीकरण

गोपामऊ के श्याम प्रकाश ववववववववववववववववववववववववव

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 May 2019 11:39 PM (IST)Updated: Thu, 23 May 2019 11:39 PM (IST)
गणित लगाता रहा गठबंधन, जीता भाजपा का समीकरण
गणित लगाता रहा गठबंधन, जीता भाजपा का समीकरण

हरदोई: भारतीय जनता पार्टी का विजय रथ रोकने के लिए बांध तो बहुत बांधे गए। महागठबंधन वर्ष 2014 के लोकसभा और फिर 2017 विधान सभा चुनावों में सपा-बसपा को मिले मतों को मिलाकर गणित लगाता रहा। हरदोई और मिश्रिख दोनों ही सीटों पर गठबंधन अपने वोटबैंक के साथ ही जातिगत वोटों के बल पर जीत का सपना देख रहा था, लेकिन मोदी लहर और भाजपा के समीकरण ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। किसी भी विधान सभा क्षेत्र में गठबंधन खुद को मजबूती से पेश नहीं कर सका।

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लोकसभा 2014 के चुनाव में देखें तो भाजपा के अंशुल वर्मा तीन लाख 60 हजार 501 मत हासिल कर सांसद बने थे। बसपा प्रत्याशी शिव प्रसाद को दो लाख 79 हजार 158 और सपा की ऊषा वर्मा को दो लाख 76 हजार 543 मत मिले थे। 2017 में विधान सभा चुनाव हुआ तो सवायजपुर में माधवेंद्र प्रताप सिंह 92 हजार 601 मत पाकर विधायक बने, लेकिन सपा के पदमराग सिंह को 65631, बसपा के अनुपम दुबे को 59791 मत मिले थे। इसी तरह अन्य विधान सभा क्षेत्रों में देखें तो शाहाबाद में रजनी तिवारी 99624 मत पाकर विधायक बनीं, तो बसपा के आसिफ खां को 95364, सपा के सरताज को 15767 मत मिले। हरदोई सदर से नितिन अग्रवाल 97735 मत पाकर विधायक बने तो उस चुनाव में भाजपा के राजाबक्श सिंह को 92626, बसपा के धर्मवीर पन्ने को 30628 मत मिले। गोपामऊ से भाजपा के श्याम प्रकाश 87871 मत पाकर विधायक बने तो सपा की राजेश्वरी देवी को 56493, बसपा की मीना कुमारी को 49847 मत मिले थे। इसी तरह सांडी विधासभा से भाजपा के प्रभाष कुमार 72044 मत पाकर विधायक बने तो कांग्रेस को 51819 और बसपा के वीरेंद्र वर्मा को 50725 मत मिले थे। इसी तरह मिश्रिख लोकसभा में भाजपा की अंजूबाला 412575 मत पाकर सांसद बनी थीं तो बसपा से लड़े अशोक रावत को 325212 और सपा से लड़े जयप्रकाश रावत को 194759 मिले थे। 2017 के विधासभा चुनाव में मल्लावां के आशीष सिंह 83405 मत पाकर विधायक बने तो सपा के सुभाष पाल को 75380 व बसपा के अनुराग मिश्रा को 51502 मत मिले थे। बालामऊ में रामपाल वर्मा 74917 मत पाकर विधायक बने तो बसपा की नीलू सत्यार्थी ने 52029 और सपा की शीला सरोज ने 43507 मत हासिल किए थे। संडीला विधानसभा में भाजपा के राजकुमार अग्रवाल 90362 मत हासिल कर विधायक बने तो सपा से लड़े अब्दुल मन्नान ने 69959 और बसपा के पवन सिंह ने 29223 मत पाए थे। मिश्रिख विधानसभा में विधायक रामकृष्ण भार्गव को 86403 मत मिले थे, बसपा के मनीष कुमार रावत को 65731 तो सपा के रामपाल राजवंशी को 61231 मत मिले थे। बिल्हौर में भगवती प्रसाद 102326 मत पाकर विधायक बने थे तो बसपा से कमलेश चंद्र दिवाकर को 71160 और सपा के शिव कुमार बेरिया को 60023 मत मिले थे। दोनों लोकसभा सीटों में गठबंधन 2014 और 2017 के चुनाव में मिले मतों को जोड़कर अपनी जीत का गणित लगा रहा था। हालांकि दोनों के मत जोड़ दिए जाएं तो भाजपा को 2014 व 2017 में मिले मतों से ज्यादा होते हैं लेकिन भाजपा के समीकरण के आगे गठबंधन का गणित नहीं चल सका। मोदी लहर में बसपा और सपा दोनों के वोटबैंक में सेंध लगाकर विजय हासिल कर ली।

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