टीईटी की तैयारी कराने वाले को¨चग संस्थानों की बाढ़
हरदोई : बीएड व बीटीसी कर चुके युवा टीईटी परीक्षा की तैयारी में जुट गए है। इसके चलते
हरदोई : बीएड व बीटीसी कर चुके युवा टीईटी परीक्षा की तैयारी में जुट गए है। इसके चलते टीईटी की तैयारी कराने वाले को¨चग संस्थानों की बाढ़ आ गई है। पहले से चल रहे कंप्टीशन क्लासेज में भी टीईटी के दो से तीन बैच शुरू कर दिए हैं।
प्राइमरी स्तर पर शिक्षक बनने के लिए यूपी टीईटी की परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है, इसके बाद यूपी सरकार द्वारा निर्धारित परीक्षा भी उत्तीर्ण करनी है। अभी तक टीईटी उत्तीर्ण करने के लिए केवल बीटीसी उत्तीर्ण आवेदक मान्य थे, लेकिन इस बार बीएड डिग्री धारक को टीईटी की परीक्षा में शामिल होने का मौका मिला है। इससे पिछले वर्षों की तुलना में आवेदकों की संख्या में इजाफा होना तय है। को¨चग संचालक के अनुसार 90 फीसद युवक व युवतियां फ्रेसर हैं, 10 फीसद लोग पहले से निजी कॉलेजों में शिक्षण कार्य कर रहे हैं।
मानकों को पूरा नहीं करते रजिस्टर्ड को¨चग संस्थान : डीआइओएस कार्यालय में रजिस्टर्ड को¨चग की संख्या महज डेढ़ सौ है। को¨चग संस्थान द्वारा टीईटी की परीक्षा की तैयारी कर रहे युवक व युवतियों से हर माह 500 रुपये तक फीस वसूल की जाती है। जनपद स्तर पर करीब छह हजार से अधिक लोग टीईटी परीक्षा की तैयारी के लिए विभिन्न को¨चग संस्थानों में दाखिला ले चुके हैं।
शिक्षण कार्य के बाद करते खुद की तैयारी : निजी स्कूलों में अधिकतर शिक्षक बीएड डिग्री धारक लगे हैं। इस समय इन शिक्षकों ने टीईटी परीक्षा की तैयारी शुरू की है। निजी विद्यालय में पढ़ा रहे विमलेश शुक्ला, अजय पाल, वीरेंद्र श्रीवास्तव, पूनम भारती, विवेक राठौर की माने तो स्कूल में डयूटी देने के बाद वह शाम को स्वयं टीईटी की तैयारी करते है। अनुज पाल, वीरेंद्र और अभिषेक ने बताया कि वह लोग निजी विद्यालय में पढ़ाते है। शाम को टीईटी की को¨चग में तैयारी करते हैं। स्कूल संचालक बोले, नहीं पड़ रहा शिक्षण कार्य पर असर : निजी विद्यालय के संचालक नृपेंद्र त्रिपाठी, बादाम ¨सह, अखिलेश ¨सह के अनुसार शिक्षक पढ़ाने के साथ टीईटी की तैयारी कर रहे हैं। टीईटी की तैयारी में कोई असुविधा न हो इसका वह लोग पूरा ध्यान रखते है। टीईटी की तैयारी कर शिक्षकों से शिक्षण कार्य पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। शिक्षक स्कूल में पढ़ाने के बाद ही खुद की तैयारी करते हैं।