आयुर्वेद के हिसाब से महत्वपूर्ण है शरद पूर्णिमा : आरएसएस
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हरदोई : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की ओर से राजकीय इंटर कालेज में रात्रि पहर में शरद पूर्णिमा उत्सव मनाया गया। चंद्रमा के किरणों से बरसने वाले अमृत से युक्त खीर का वितरण प्रसाद रूप में किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला बौद्धिक प्रमुख रामनरेश ने कहा कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी पूर्णता को प्राप्त होता है। सूर्य व चंद्रमा पर पड़ने वाला असर मानव जीवन पर भी पड़ता है। चंद्रमा की किरणों से जो अमृत बरसता है, वह मनुष्यों के लिए हितकारी होता है। आयुर्वेद की ²ष्टि से भी इस दिन का महत्व है। महर्षि वाल्मीकि की भी जयंती इसी दिन होती है। महर्षि वाल्मीकि ने ऐसे महाकाव्य की रचना की जिसमें समाज जीवन जीने का मार्ग दिखाया। समाज में मनुष्य की क्या भूमिका होनी चाहिए इसका ज्ञान समाज को दिया। उन्होंने कहा कि सभी को समान स्वास्थ्य, समान शिक्षा एवं अर्थव्यवस्था की एक समाज दिशा में चितन ही रामराज्य है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम ने सामाजिक समरसता का अनुकरणीय उदाहरण पेश किया।
बौद्धिक प्रमुख ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयं संघ का मानना है कि हिदू हिदू एक रहेंगे भेदभाव को नहीं सहेंगे। जो लोग समाज को तोड़ने का कुचक्र करेंगे उनके षडयंत्र को ध्वस्त किया जाएगा। इसके पूर्व विभिन्न प्रकार के खेल कराए गए। अत्यांक्षरी प्रतियोगिता भी हुई। इसके बाद स्वयं सेवकों ने स्वरचित कविताएं भी सुनाईं। एकल गीत नगर बौद्धिक प्रमुख विनय पांडेय ने कहा। इस मौके पर संघ के अधिकारीगण,स्वयं सेवक व समाज के विभिन्न वर्गों के लोग अच्छी संख्या में मौजूद रहे। देर रात कार्यक्रम का समापन संघ प्रार्थना व खीर वितरण के साथ हुआ।