मासिक धर्म व स्वच्छता की जागरूकता को बना लिया मिशन
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पिहानी : 16 साल की शिकोह जैदी सेनेटरी नैपकिन के उपयोग की वकालत करने के साथ मासिक धर्म व इसकी स्वच्छता के प्रति जागरूकता के मिशन पर है। पिहानी ब्लाक के कुंवरपुर बघेल निवासी मुस्लिम जैदी की बेटी शिकोह जैदी तमाम सामाजिक बंदिशों से पर्दा उठा रही, जिसके बारे में कोई भी बात नहीं करना चाहता है। टॉस्क तो बहुत कठिन था, लेकिन मजबूत इरादे और हौसलों के बल पर गांव की महिलाओं व किशोरियों को अपने घर पर प्रोजेक्टर से मासिक धर्म से जुड़ा एनिमेटेड वीडियो दिखाया, गांव की गलियों में जागरूकता रैली निकाली, घर पर ही कार्यशाला में मासिक धर्म के हर अनछुए पहलुओं पर चर्चा कर शंकाओं का समाधान भी किया ।
शिकोह जैदी सीतापुर के कमलापुर स्थित विद्याज्ञान लीडरशिप एकेडमी में कक्षा 12 की छात्रा है। शिकोह की मां तनवीर जैदी मासिक धर्म के बारे में उसके खुलकर बोलने से बहुत खुश नहीं हैं, लेकिन पिता मुस्लिम जैदी का पूरा समर्थन है। दीपा नारायण की प्रसिद्ध पुस्तक लैंगिक समानता, चुप : ब्रेकिग द् साइलेंस अबाउट इंडियाज वुमेन को जब वह 15 साल की थी, तब पढ़ा था। जिसमें मासिक धर्म की समस्याओं को महसूस किया। यह उस चुनौती की जड़ में था।। शिकोह जैदी ने मासिक धर्म को लेकर तमाम कुंठाओं में बदलाव एवं जागरूकता के लिए शिक्षक, मां व अब्बा जान से बात की। शिक्षक और अब्बा जान के समर्थन से गांव में इसे बतौर मिशन शुरू कर दिया। सिविल सेवक बनना लक्ष्य: शिकोह जैदी का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय कानून का अध्ययन करती है, ताकि वह दुनिया में बदलाव की वकालत कर सके। उसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि गांव की महिलाएं मासिक धर्म व स्वच्छता की मूल बातें समझें और सेनेटरी पैड की पहुंच प्राप्त कर बेहतर जीवन जिएं।