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संसाधन सफलता में बाधक नहीं : त्रयंबक तिवारी

हरदोई : संसाधन सफलता में बाधक नहीं होते। लक्ष्य का स्वयं निर्धारण करते हुए पूरी ऊर्जा और

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 11:20 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 11:20 PM (IST)
संसाधन सफलता में बाधक नहीं : त्रयंबक तिवारी
संसाधन सफलता में बाधक नहीं : त्रयंबक तिवारी

हरदोई : संसाधन सफलता में बाधक नहीं होते। लक्ष्य का स्वयं निर्धारण करते हुए पूरी ऊर्जा और तन्मयता के साथ ध्यान केंद्रित करें, जिससे लक्ष्य प्राप्त करने से कोई रोक नहीं सकता। यह बात बुधवार को मलिहामऊ स्थित स्वामी रामकृष्ण परमहंस बालिका इंटर कॉलेज में दैनिक जागरण की ओर से आयोजित गुरुमंत्र कार्यक्रम में लखनऊ से आए काउंसलर त्रयंबक तिवारी ने कही।

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उन्होंने जागरण की ओर से चलाए जा रहे गुरुमंत्र कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि गुरुमंत्र विद्यार्थियों को धार देने का काम कर रहा है। सीखना जरूरी है, इसके पांच चरण है। पहला चरण सुनना, दूसरा समझना, तीसरा पूछना, चौथा गुनगुनाना व पांचवां बुनना है। उन्होंने सफलता के कई उदाहरण देते हुए कहा कि संसाधन सफलता में बाधक नहीं होते हैं, जहां चाह है वहां राह है। चाह ज्वलंत हो तो नया रास्ता खुद ही बन जाता है। भाग्य सब कुछ नहीं होता है। कर्म करने से तकदीर बदल सकती है। कर्म करों और लक्ष्य तय करों। लक्ष्य का निर्धारण किए बगैर सफलता नहीं मिल सकती है। कार्यक्रम के दौरान डा. हरिशंकर मिश्र ग्रुप आफ कॉलेजेस मलिहामऊ के निदेशक धनंजय मिश्र, श्याम जी मिश्रा, मनोज ¨सह, रवि मिश्रा, संदीप मिश्रा, ज्ञानू द्विवेदी, शैशव त्रिपाठी, नितिन मिश्रा, वीरेंद्र यादव, घनश्याम बाजपेई, रोहित त्रिवेदी आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन मनीष मिश्रा ने किया। श्रीलाल महेंद्र शिव शक्ति डिग्री कालेज फरदापुर के प्रबंधक यदुनाथ ¨सह यादव के साथ ही पवन कुमार, घनश्याम बाजपेई, पवन कुमार, कृष्ण कुमार, रजनीश मिश्र, रमेश चंद्र आदि मौजूद रहे।

लक्ष्य साधो, मिलेगी सफलता

प्रशिक्षु आइएएस एकता ¨सह लक्ष्य निर्धारण को बारीकी से समझाया। उन्होंने कहा कि खुद लक्ष्य तय करो तो हर हाल में सफलता मिलेगी। लक्ष्य निर्धारण के सात सूत्र बताते हुए कहा कि पहले लक्ष्य तय करो, लक्ष्य को याद रखो, लक्ष्य के प्रति जुनून पैदा करो, प्ला¨नग करो, कठिन परिश्रम, एकाग्रता और नियमित स्वाध्याय करने से सफलता मिलना तय है।

प्रशिक्षु आइएएस ने साझा कीं सफलता की यादें

ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रशिक्षु आइएएस एकता ¨सह ने छात्राओं के अनुरोध पर आइएएस बनने तक की यादें साझा की। उन्होंने बताया कि आगरा से इंटर तक पढ़ाई करने के बाद इंजीनिय¨रग की। इसके बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू की। नियमित समाचार पत्र की पढ़ाई करने के साथ दिल्ली से यूपीएससी की तैयारी शुरू की। उन्होंने यूपीएससी के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि एकाग्रता पर फोकस करें, जिससे सफलता मिलेगी।


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