लिमिट का ब्याज माफ हो तो मिले व्यापार में राहत
ह्मद्गश्चह्मद्बद्ग1द्ग द्बठ्ठ ढ्डह्वह्यद्बठ्ठद्गह्यह्य ह्मद्गश्चह्मद्बद्ग1द्ग द्बठ्ठ ढ्डह्वह्यद्बठ्ठद्गह्यह्य ह्मद्गश्चह्मद्बद्ग1द्ग द्बठ्ठ ढ्डह्वह्यद्बठ्ठद्गह्यह्य ह्मद्गश्चह्मद्बद्ग1द्ग द्बठ्ठ ढ्डह्वह्यद्बठ्ठद्गह्यह्य ह्मद्गश्चह्मद्बद्ग1द्ग द्बठ्ठ ढ्डह्वह्यद्बठ्ठद्गह्यह्य ह्मद्गश्चह्मद्बद्ग1द्ग द्बठ्ठ ढ्डह्वह्यद्बठ्ठद्गह्यह्य ह्मद्गश्चह्मद्बद्ग1द्ग द्बठ्ठ ढ्डह्वह्यद्बठ्ठद्गह्यह्य ह्मद्गश्चह्मद्बद्ग1द्ग द्बठ्ठ ढ्डह्वह्यद्बठ्ठद्गह्यह्य ह्मद्गश्चह्मद्बद्ग1द्ग द्बठ्ठ ढ्डह्वह्यद्बठ्ठद्गह्यह्य
कछौना : लॉकडाउन के बाद धीरे धीरे औद्योगिक प्रतिष्ठान शुरू तो हुए हैं, लेकिन इस अवधि में उद्यमियों को काफी नुकसान हुआ। व्यापारियों ने व्यापार के लिए बैंक से ऋण की लिमिट करा रखी है। जिस पर बैंक की ओर से ब्याज लगाया जाता है। कछौना क्षेत्र में भी संडीला के इंडस्ट्रियल एरिया का कुछ भाग आता है। क्षेत्र के व्यापारियों का मानना है कि ऋण की लिमिट पर लगने वाले ब्याज पर छूट मिलनी चाहिए। व्यापारियों का ऋण का ब्याज माफ किया जाए। ताकि उनको कुछ राहत मिल सके। औद्योगिक क्षेत्र संडीला में गारमेंट्स फैक्ट्री लगी है। लॉकडाउन के कारण वह बंद है। जनवरी से फरवरी, मार्च में यूनीफार्म के अनेकों ऑर्डर मिले थे, अधिकांश ऑर्डर मार्च में पूरे होकर डिलीवर हो गए थे, क्योंकि शिक्षण संस्थाएं अप्रैल से शुरू हो जाती थी। उसी समय भुगतान मिलता था, लेकिन लॉकडाउन हो गया। भुगतान भी नहीं हो सका। मजदूरों का भुगतान तो कर दिया। मगर बैंक का ऋण जमा नहीं हो सका। उन्होंने लिमिट पर लगने वाले ब्याज को माफ करने की मांग की है। रवि गुप्ता औद्योगिक क्षेत्र में पीवीसी पाइप फैक्ट्री लगी है। जिसमें करीब दो दर्जन मजदूर काम करते थे, लेकिन लॉकडाउन के चलते फैक्ट्री बंद हो गयी। पाइप की मांग भी कम हो गई है। बैंक से जारी लिमिट का ब्याज भारी पड़ रहा है। जिसे माफ होना चाहिए। ब्याज माफ होने से उद्योग को राहत मिलेगी और धीरे धीरे फिर से उद्योग पटरी पर आएगा। जिसका सभी को लाभ मिलेगा।
पंकज शुक्ल, बैटरी निर्माण प्लांट लॉकडाउन के कारण वह बंद है। उसमें कार्य करने वाले मजदूर और वह स्वयं आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। दुकानों पर बकाए की वसूली भी नहीं हो पा रही है। सरकार बैंक के ब्याज को माफ कराए, जिससे व्यापारियों को कुछ राहत मिल सके, और उद्यमियों को भी कुछ राहत हो, जिससे फिर उनका उद्योग सुचारु रूप से चल सके।
अनिल सिंह फ्लोर मिल बंद पड़ी है। लॉकडाउन के कारण वह मंदी का दंश झेल रहे हैं। सरकार के निर्देशानुसार फ्लोर मिल चालू रहा। लॉकडाउन में मजदूरों के आने जाने में परेशानियां सामने आ रही है। बाजार आदि बंद होने से काफी धन हानि हुई है। बैंक के ब्याज माफ करने के लिए सरकार को पहल करनी चाहिए। क्षेत्र ही नहीं सभी उद्यमियों का लॉकडाउन अवधि का ब्याज माफ होना चाहिए। श्रीनिवास अग्रवाल