45 साल पहले नाव डूबने से मृत लोगों को दी श्रद्धांजलि
-बड़ागांव-अर्जुनुपर रामगंगा घाट पर डूबे गए थे 90 श्रद्धालु -पंचनद समिति के बैनर तले लोगों ने पुल निर्माण के लिए संघर्ष का संकल्प दोहराया
हरदोई : बड़ागांव-अर्जुनपुर रामगंगा घाट पर 45 साल पहले नाव डूबने से मारे गए 90 श्रद्धालुओं को कटरीवासियों ने सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा पर हवन और दीपदान कर श्रद्धांजलि दी। पंचनद विकास संघर्ष समिति के बैनर तले पीड़ित परिवार के साथ लोगों ने डूबने वालों को याद करते हुए पुल निर्माण के लिए हर स्तर पर संघर्ष का संकल्प दोहराया।
आचार्य राजीव मिश्र, रामानंद शास्त्री, भागवताचार्य मनोज, पंडित हरीबाबू व सोमेश शास्त्री ने यजमान पंचनद समिति संयोजक अवनिकांत बाजपेई व श्री सरस्वती सदन की पुस्तकालय अध्यक्ष सहित लोगों ने शांति यज्ञ में आहुतियां दीं। संयोजक के साथ लोगों ने कहा कि वर्ष 1975 में कार्तिक पूर्णिमा के दिन नाव डूबने से मारे गए 90 गंगा स्नानार्थियों को सच्ची श्रद्धांजलि तभी है जब बडागांव-अर्जुनपुर रामगंगा घाट पर पुल बने। कहा कि दशकों से कटरीवासी अपनों के डूबने के दर्द से कराह रहे हैं, पर पुल निर्माण के मुद्दे पर सभी मौन हैं।
संयोजक ने कहा कि रामगंगा घाट पर पुल बनने से जिले के सांडी-बिलग्राम से लेकर फर्रूखाबाद के अमृतपुर-राजेपुर सहित समूचे कटरी क्षेत्र के विकास की राह खुलेगी। व्यापार के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार आएगा। पुल निर्माण के लिए 6 साल से सुहाग चिह्न त्यागने वाली पुस्तकालय अध्यक्ष सीमा मिश्र ने कहा खेती-बाड़ी के साथ महिलाओं के विकास में पुल मील का पत्थर साबित होगा। सवायजपुर अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष संजीव द्विवेदी ने पुल निर्माण को कटरी के विकास की रीढ़ बताया। शांति यज्ञ में कल्लू शुक्ल, रामवीर अग्निहोत्री, संजू यादव, महेश सैनी, मूलचंद पांडेय, मनमोहन मिश्र, रामासरे मिश्र आदि ग्रामीणों ने आहुतियां दीं।