संत रविदास जयंती पर निकाली रैली
19 एचआरदास दूसरों साधु-संतों की बहुत सेवा करते थे। एक दिन उनके पास एक महात्मा आए। संत रविदास ने महात्माजी को भोजन करवाया। रविदासजी के निस्वार्थ प्रेम से महात्माजी बहुत प्रसन्न हुए। इसके बाद उन्होंने संतश्री को एक पारस पत्थर दिया। पारस पत्थर को जैसे ही लौहे के औजारों पर लगाया तो वे सभी सोने के बन गए। ये देखकर संत रविदास दुखी हो गए और उन्होंने वह पत्थर लेने से मना कर दिया। महात्माजी ने रविदास से कहा कि इस पत्थर की मदद से तुम धनवान बन जाओगे लेकिन उन्होंने इसे मना कर दिया।
हरदोई : संत रविदास जयंती पर नगर के रैली निकाली गई। संत रविदास मंदिर पर पूजन आरती की गई। पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस के सामने स्थित अंबेडकर पार्क से रैली का शुभारंभ किया गया। इस नुमाइश चौराहा, बड़ा चौराहा, सिनेमा चौराहा, अस्पताल मार्ग होते हुए पुलिस लाइन के सामने से रैली रविदास मंदिर तक गई। इस मौके पर संत रविदास मंदिर पर पूजन आदि किया गया। इस मौके पर उनकी समाज के प्रति समर्पण भावना के बारे में बताते हुए वक्ताओं ने कहा कि संत रविदास दूसरों साधु-संतों की बहुत सेवा करते थे। एक दिन उनके पास एक महात्मा आए। संत रविदास ने महात्माजी को भोजन करवाया। रविदासजी के निस्वार्थ प्रेम से महात्मा जी बहुत प्रसन्न हुए। इसके बाद उन्होंने संतश्री को एक पारस पत्थर दिया। पारस पत्थर को जैसे ही लोहे के औजारों पर लगाया तो वे सभी सोने के बन गए। ये देखकर संत रविदास दुखी हो गए और उन्होंने वह पत्थर लेने से मना कर दिया। महात्माजी ने रविदास से कहा कि इस पत्थर की मदद से तुम धनवान बन जाओगे लेकिन उन्होंने इसे मना कर दिया।