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पूर्ति निरीक्षक ने अधिवक्ता पर लगाया अभद्रता का आरोप, केस दर्ज

सवायजपुर तहसील के मामले में एसडीएम ने कहा कि अधिवक्ता ने गलत बर्ताव किया। वहीं पुलिस के हिरासत में लेने पर तहसील के अन्य अधिवक्ता पहुंचे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Jul 2020 11:50 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 06:07 AM (IST)
पूर्ति निरीक्षक ने अधिवक्ता पर लगाया अभद्रता का आरोप, केस दर्ज
पूर्ति निरीक्षक ने अधिवक्ता पर लगाया अभद्रता का आरोप, केस दर्ज

हरदोई : सवायजपुर तहसील के पूर्ति निरीक्षक ने अधिवक्ता पर कार्यालय में घुसकर अभद्रता के साथ ही अभिलेखों को फाड़ने के साथ ही जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। घटना 27 जून की बताई गई है और उच्चाधिकारियों के आदेश पर लोनार पुलिस ने पूर्ति निरीक्षक की तहरीर पर आरोपित के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कर बुधवार को हिरासत में भी ले लिया। देखते देखते काफी अधिवक्ता लोनार कोतवाली पहुंच गए। दोपहर बाद तक मामला चलता रहा। पुलिस का कहना है कि दूसरे पक्ष का इंतजार किया गया और न आने पर आरोपित को छोड़ दिया गया।

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पू‌र््ित निरीक्षक संतोष कुमार वर्मा ने दर्द कराई गई एफआइआर में बताया कि 27 जून को वह अपने कार्यालय में काम कर रहे थे। उसी समय अधिवक्ता संजीव द्विवेदी बिना मास्क लगाए कार्यालय में आ गए, तो उन्होंने कोविड को देखते हुए कार्यालय के बाहर दर्ज सूचना का हवाला देते हुए बिना मास्क के कार्यालय में आने पर आपत्ति की, उसी पर वह आग बबूला हो गए। आरोप है कि मारपीट का प्रयास करते हुए अभिलेख फाड़ दिए। पूर्ति निरीक्षक ने बताया कि उसने जिला पूर्ति अधिकारी, एसडीएम को सूचना दी। उनके आरोपों पर पुलिस ने बुधवार को संजीव द्विवेदी को तहसील से हिरासत में ले लिया। पुलिस अधिवक्ता को लेकर कोतवाली गई, साथ ही तहसील के काफी अधिवक्ता भी पहुंच गए। जिसे देखते हुए कई थानों की फोर्स भी पहुंच गई। अधिवक्ता संजीव द्विवेदी ने बताया कि वह आने वादी के बयान दिलाने गए थे। उन्होंने शिकायती पत्र की प्रति मांगी तो पूर्ति निरीक्षक ने कहा कि वह घर भूल आए हैं। जिस पर उन्होंने कहा कि बिना शिकायती पत्र कैसे जांच करेंगे। इसी बात पर वह भड़क गए और खुद अभिलेख फाड़ दिए। उनके ऊपर जो भी आरोप लगाए हैं वह पूरी तरह से गलत हैं। एसडीएम मनोज कुमार ने बताया अधिवक्ता द्वारा गलत कार्य किया गया है जिसका वीडियो मेरे पास है मेरे तहसील के कर्मचारी को पीटने का प्रयास किया गया जो गलत है। वहीं लोनार थानाध्यक्ष राजेश राय ने बताया अधिवक्ता को पूंछतांछ के लिये लाया गया था और दूसरे पक्ष को भी बुलाया गया था लेकिन दूसरा पक्ष नहीं आया तो अधिवक्ता को छोड़ दिया गया।


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