मध्यप्रदेश के जंगलों में तैयार पिस्टल पूरे प्रदेश में बेची जाती थी
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संडीला: स्टेशन के निकट अवैध असलहा तस्करों के पास से बरामद पिस्टल मध्य प्रदेश के खरगौन स्थित जंगलों में बनाई जाती थी। मध्य प्रदेश के तस्कर सुरक्षित स्थान की तलाश में संडीला में सप्लायरों को पिस्टलें देने आए थे, लेकिन आजमगढ़ से ही पीछा कर रही एसटीएफ उन तक पहुंच गई और पूरे खेल का भंडाफोड़ हो गया।
तस्करों से बरामद पिस्टलें मध्य प्रदेश से लाकर पूरे प्रदेश में बेची जाती थीं। उत्तर प्रदेश में गैंग का सरगना आजमगढ़ के थाना सरावां निवासी सौरभ यादव पुत्र गुलाब यादव है। जोकि अपने एजेंटों के माध्यम से पिस्टल बेचता था। पुलिस के अनुसार पकड़ में आए तस्कर आकाश डाबर ने बताया कि मध्य प्रदेश के खरगौन स्थित जंगलों में पिस्टल बनाई जाती है। जहां से इन्हें बड़वानी मध्य प्रदेश का करतार सिंह लाता था और उसके माध्यम से गैंग के सदस्य उनकी सप्लाई करते थे। उसे चार हजार रुपये प्रति पिस्टल मिलता था। सौरभ यादव ने बताया कि वह आजमगढ़ से सोमवार को अपने साथियों के साथ असलहा लेने के लिए संडीला स्टेशन आया था। जिन्हें बाद में बताए गए स्थानों पर पहुंचाना था। सौरभ यादव बताया कि प्रति पिस्टल करतार सिंह को 12 हजार देता था। जिसे पिस्टल को प्रदेश मे 25 हजार के हिसाब से बेचा जाता था। पिस्टल आने के बाद उनकी सप्लाई गौरव मिश्रा व सद्दाम उन स्थानों पर करते थे, जहां करतार सिंह बताता था। सौरभ ने बताया कि पोस्ट खजुरी थाना अहिरौला जनपद आजमगढ़ निवासी ब्रजेश यादव व रवि यादव को चार पिस्टल उसे पहुंचानी थी। कोतवाल जगदीश यादव ने बताया कि एसटीएफ को और भी तथ्य हाथ लगे हैं। पुलिस भी तमाम बिदुओं पर जांच कर रही है। आजमगढ़ से पीछा कर रही थी एसटीएफ
एसटीएफ को पिस्टलों की तस्करी की खबर मिली थी। जिस पर आजमगढ़ से ही टीम उनका पीछा कर रही थी। एसटीएफ के लोग एक कार और बाइक से आए थे। सभी आसपास फैले थे, और जैसे ही माल आपूर्ति हुई टीम ने घेर लिया। चिता का विषय बनी घटना
पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट है। चेकिग भी हो रही हैं, लेकिन इतना सब कुछ होने के बाद भी तस्कर इतनी बड़ी संख्या में मध्य प्रदेश से पिस्टल लेकर संडीला तक पहुंच गए। शायद एसटीएफ न लगी होती तो वह आजमगढ़ भी चले जाते।