घर आ जाओ भइया, खाते में भेज दिए रुपया
-परदेशी मतदाताओं को बुलाने में जुटे प्रत्याशी -किसी ने भेजे वाहन तो कोई किराए पर लाने को कह रहा
हरदोई: देखो भइया, अब दिन नहीं बचे हैं। चल दो। आने जाने की कोई चिता न करना। बस या ट्रेन जो भी मिले, चले आओ, अगर कुछ नहीं है कोई किराए पर गाड़ी करो और पूरे परिवार को बैठाकर आ जाओ। खाते में रुपये भेज दिया है, बाकी जो और होगा देख लेंगे। परदेशी मतदाताओं को कुछ ऐसे ही गांवों में बुलाया जा रहा है। उनकी जो भी मांग है पूरी की जा रही और तो और कई क्षेत्रों में तो बसें भेजी गई हैं।
हर गांव से काफी संख्या में लोग दिल्ली, पंजाब, हरियाणा से लेकर महाराष्ट्र, गुजरात आदि स्थानों पर रहते हैं। हालांकि पांच साल कोई हाल नहीं पूछता। अभी पिछले साल लॉकडाउन के दौरान बहुत ही कम लोग मदद को आए थे, लेकिन अब तो हर कोई आगे आगे दौड़ रहा है। काफी दिनों से प्रत्याशी उनके संपर्क में हैं। उनके परिवार के जो लोग गांव में रहते हैं, उनके माध्यम से उनसे संपर्क किया जा रहा है। किसी ने घरवालों को ही बस से दिल्ली, पंजाब भेज दिया तो किसी ने उनके खातों में रुपये डाल दिए हैं। इतना ही नहीं, एक प्रत्याशी नहीं कई कई लोग उनके संपर्क में हैं और उन्हें बुला भी रहे हैं। हालांकि काफी संख्या में ऐसे लोग हैं जोकि एक ही प्रत्याशी की सेवा ले रहे हैं लेकिन जो अन्य प्रत्याशियों की सेवा ले रहे हैं, उनका कहना है कि सभी अपने हैं, वोट तो गांव आकर देंगे।
ले जाओ पर्ची, ले आओ पउआ
:हरदोई: शराब बांटने वालों पर कार्रवाई हो रही है तो प्रत्याशियों ने शराब पिलाने और बांटने का तरीका भी नया निकाल लिया है। जो कच्ची नहीं पीना चाहते हैं, उन्हें पर्ची दे दी जाती है और वे आराम से पउआ ले आते हैं। ऐसा एक नहीं अधिकांश गांवों में हो रहा है।
पंचायत चुनाव में शराब का खेल खूब होता है। गांव-गांव शराब बांटी जा रही है। कच्ची भी खूब बन रही है, लेकिन पुलिस छापा मारकर कार्रवाई कर रही है, जिससे प्रत्याशियों और शराब बांटने वालों में खौफ बन गया है, उसे देखते हुए नए नए तरीके निकाल लिए हैं। प्रत्याशियों ने गांव के नजदीकी ठेकों पर रुपये जमा कर दिए हैं और जो भी शराब मांगता है उसे पर्ची थमा दी जाती है और वह आराम से पउआ ले आता है। हालांकि देसी ही नहीं अंग्रेजी में भी यह चल रहा है।