प्रभारियों की मनमानी से धान नहीं बेच पा रहे किसान
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हरदोई : सरकारी धान खरीद में प्रभारियों की मनमानी पर अंकुश लगता नहीं दिख रहा है। खरीद केंद्रों से किसानों को टरकाने का सिलसिला जारी है। केंद्र प्रभारियों की मनमानी से परेशान किसानों का केंद्र से मोह भंग हो रहा है। किसानों का आरोप है कि प्रभारी धान की गुणवत्ता खराब होने और नमी होने की बात कहकर लौटा रहे हैं। हालांकि अफसरों का कहना है कि किसान को धान बेचने में अगर कोई दिक्कत आती है तो वह कंट्रोल रूम में शिकायत दर्ज करा सकता है।
जिला प्रशासन की ओर से लक्ष्य की पूर्ति के लिए 61 खरीद केंद्र खोले गए हैं। खाद्य विभाग के आंकड़ों में इन केंद्रों पर 29 हजार 400 मीट्रिक टन धान खरीद हुई है। नवीन गल्ला मंडी के कुछ केंद्रों पर धान की तौल हो रही थी, जबकि अधिकतर केंद्रों पर सन्नाटा पसरा था। किसानों ने बताया कि बाजार में धान का भाव 1400 रुपये है, जबकि समर्थन मूल्य 1815 रुपये है। बाजार और सरकारी भाव में अंतर अधिक होने से अधिकतर किसान केंद्र पर धान बेचना चाहते है, लेकिन प्रभारियों की मनमानी से वह धान बेच नहीं पा रहे हैं। उनका आरोप है कि केंद्र प्रभारी काला और खराब धान या फिर नमी बताकर धान खरीदने से इंकार कर रहे हैं। डिप्टी आरएमओ अनुराग पांडेय ने बताया कि जो किसान केंद्र पर धान बेचने पहुंचेगा, उसका धान अवश्य क्रय किया जाएगा। प्रभारियों की मनमानी सामने आने पर उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।