अव्यवस्थाओं का मारा ट्रामा सेंटर बना बेचारा
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हरदोई : जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए करोड़ों की लागत से ट्रामा सेंटर का निर्माण कराया गया था, लेकिन अव्यवस्थाओं के चलते ट्रामा सेंटर बेचारा बनकर रह गया है। कहने को तो यहां पर एक सर्जन, एक आर्थो सर्जन व दो संविदा डॉक्टर तैनात हैं। इसके साथ ही 20 मरीजों को भर्ती करने के लिए बेड की व्यवस्था है। साथ ही वेंटिलेटर भी लगा है पर मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है और उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है।
अक्टूबर 2016 में शुरू हुए ट्रामा सेंटर में व्यवस्थाएं तो हैं, लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टरों, स्टाफ नर्स, वार्ड ब्वॉय की कमी आज भी बनी हुई है। जिससे ट्रामा सेंटर महज रेफर सेंटर बनकर रह गया है। यहां तैनात कुछ डॉक्टर आराम से बैठकर ड्यूटी बजाते नजर आते हैं और जब थक जाते हैं तो एसी रूम में आराम फरमाते हैं।
तीन साल बीत गए, नहीं भर्ती हुआ कोई मरीज : ट्रामा सेंटर शुरू हुए तीन साल बीत गए, लेकिन यहां आज तक एक भी मरीज भर्ती नहीं किया गया। ट्रामा सेंटर में रखी अन्य मशीन और पलंग मरीजों का इंतजार करते हुए धूल खा रहे हैं।
गंभीर मरीज नहीं, बुखार के मरीजों को दी जातीं दवाएं : ट्रामा सेंटर की स्थापना गंभीर मरीजों के लिए होती है। लेकिन जिले का ट्रामा सेंटर सर्दी, जुकाम, बुखार, डायरिया के मरीजों का इलाज ही कर पा रहा है।
सीटी स्कैन और न अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे मशीन : ट्रामा सेंटर में वेंटिलेटर मशीन तो लग गई, लेकिन यहां न तो एक्से-रे है और न ही सीटी स्कैन पर अल्ट्रासाउंड मशीन ही लगी है।