111 स्कूलों में बिना द्रोणाचार्य कैसे निखरे खिलाड़ी
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हरदोई : शिक्षा के साथ खेल भी जरूरी है, पर खेल अध्यापक ही न होंगे तो खिलाड़ी कैसे बनेंगे। विभागीय आंकड़े बताते हैं कि जिले के 111 राजकीय व एडेड स्कूलों में क्रीड़ाध्यापक नहीं हैं। हालत यह है कि इन विद्यालयों में खेल सामग्री भी खानापूर्ति तक सीमित है, जिससे छात्र-छात्राओं का रुझान कम हो रहा है।
जिले में आठ जीआइसी व जीजीआइसी, तीन पं. दीनदयाल उपाध्याय मॉडल इंटर कॉलेज और 50 राजकीय विद्यालय के साथ ही 70 एडेड विद्यालय संचालित हैं। जीआइसी हरदोई के क्रीड़ाध्यापक अवधेश त्रिपाठी पं. दीनदयाल उपाध्याय मॉडल स्कूल खसरौल के प्रभारी प्रधानाचार्य हैं। इसके अलावा जीआइसी, जीजीआइसी, मॉडल स्कूल और राजकीय विद्यालयों में एक भी क्रीड़ाध्यापक तैनात नहीं है। यही हाल एडेड विद्यालयों का है। 70 विद्यालयों में महज 19 क्रीड़ाध्यापक कार्यरत है। बड़ी संख्या में रिक्त चल रहे क्रीड़ाध्यापकों के पदों के चलते प्रतिभाएं खेलकूद में आगे नहीं बढ़ पा रही है।
यह है स्थिति
स्कूल तैनात क्रीड़ाध्यापक रिक्त पद
8 जीआइसी 01 07
3 मॉडल स्कूल 00 03
50 राजकीय स्कूल 00 00
70 एडेड स्कूल 19 51
वित्तविहीन स्कूल की बेरुखी भी पड़ती भारी
जनपद में 489 माध्यमिक वित्तविहीन स्कूल संचालित हैं। इनमें से कुछ विद्यालयों को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश विद्यालय में खेलकूद सिर्फ खानापूर्ति तक सीमित है। अधिकतर विद्यालयों में खेल सामग्री तक नहीं है। हालात यह है कि हाल में संपन्न हुई जनपदीय और मंडलीय प्रतियोगिताओं में वित्तविहीन स्कूलों के छात्र-छात्राओं के प्रतिभाग करने में पीछे रहे।
डीआइओएस बोले
समस्त राजकीय और मान्यताप्राप्त विद्यालयों में खेलकूद का आयोजन किया जा रहा है। क्रीड़ाध्यापकों की कमी से खेलकूद प्रभावित होते हैं, इससे इन्कार नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद उनका प्रयास खेलों को बढ़ावा देना है। वह इस कार्य में लगे हुए है।
वीके दुबे, डीआइओएस