कागजों में फागिग, शहर में मच्छरों का आतंक
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हरदोई : शहर में फागिग सरकारी सिस्टम की भेंट चढ़ता दिख रहा है। अफसर भले ही फागिग कराने के लाख दावे करें, लेकिन शहर में कहीं भी फागिग होती नहीं दिखती। नालों में कीटनाशक का छिड़काव तक नहीं हो रहा है। इसके चलते मच्छरों का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है, जिसने आम आदमी की मुसीबत बढ़ा दी है। लोग मच्छर जनित बीमारियों से ग्रसित होकर जिदगी और मौत की जूझ रहे हैं। सरकारी व गैरसरकारी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ जुट रही है। इन सबके बावजूद अफसर जानबूझकर अनजान बने हुए है।
मच्छर जनित बीमारियों को रोकने के लिए नगर पालिका प्रशासन को वार्डों में नियमित फागिग कराने के निर्देश है, लेकिन पालिका प्रशासन इसे लेकर गंभीरता से नहीं लेता दिखाई दे रहा है। शहर के अधिकतर मुहल्लों की गलियों और नालियों की नियमित सफाई हो रही है। फागिग कब हुई, इस बारे में अधिकांश मुहल्लेवासी बता तक नहीं सकते। फागिग न होने से घरों में मच्छरों में का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। लोग मच्छर जनित बीमारियों से परेशान होकर अस्पताल के चक्कर लगाने को मजबूर है। डेंगू और मलेरिया की चपेट में आए कुछ लोग जिदगी और मौत से जूझने को मजबूर है। ईओ बोले .
इस संबंध में नगर पालिका परिषद के ईओ रवि शंकर शुक्ला का कहना है कि फागिग के लिए मुहल्लेवार चार्ट बनाया गया है। प्रतिदिन दो वार्डों में फागिग कराई जाती है। इसके लिए टीमें गठित है। उन्होंने बताया कि टीमों द्वारा फागिग करने में लापरवाही बरती जाती है तो जिम्मेदारों को बख्शा नहीं जाएगा।