हड़ताल पर सचिव, समितियों पर नहीं मिल रही डीएपी
हरदोई : रबी की बुवाई के लिए डीएपी की मारामारी है। साधन सहकारी समिति के सचिव हड़ताल
हरदोई : रबी की बुवाई के लिए डीएपी की मारामारी है। साधन सहकारी समिति के सचिव हड़ताल पर हैं और वह खाद की बिक्री नहीं कर रहे हैं। वही निजी विक्रेता डीएपी को खुले मूल्य पर बेच रहे हैं। समितियों पर डीएपी न मिलने से किसान परेशान हो रहे हैं। निजी क्षेत्र के विक्रेताओं की ओर से डीएपी बोरी का 1400 रुपये से अधिक मूल्य लिया जा रहा है। पीसीएफ में भंडारित हैं 1700 एमटी : सहकारी समितियां के सहायक आयुक्त आलोक कुमार का कहना है कि सचिवों के हड़ताल पर होने से डीएपी का उठान एवं विक्रय नहीं हो पा रहा है। जबकि समितियों के माध्यम से बिक्री के लिए पीसीएफ गोदाम में करीब 1 हजार 700 मीट्रिक टन यानी करीब 34 हजार बैग डीएपी भंडारित है।
निजी विक्रेताओं के पास 4300 एमटी स्टाक : जिला कृषि अधिकारी उमेश कुमार साहू का कहना है कि जिले की मांग के सापेक्ष डीएपी की किल्लत नहीं है। सहकारी स्टाक के अतिरिक्त निजी विक्रेताओं के पास 4300 एमटी यानी कि 86 हजार बोरी डीएपी स्टाक में है। एमआरपी पर बेची जाए डीएपी : जिला कृषि अधिकारी उमेश कुमार का कहना है कि शासन की ओर से डीएपी को डी-कंट्रोल कर दिए जाने से मूल्य का निर्धारण कंपनियों की ओर से किया जा रहा है। बताया कि निजी विक्रेताओं से कहा गया है कि बैग पर ¨प्रट मिनिमम रिटेल प्राइज (एमआरपी) ही किसान से लिया जाए।