गांधी जयंती पर रिहाई को अभी नहीं मिला कोई कैदी
हरदोई : गांधी जयंती के दिन मामूली अपराध में सजा काट रहे कैदियों को रिहा करने का आद
हरदोई : गांधी जयंती के दिन मामूली अपराध में सजा काट रहे कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया गया है। सरकार की घोषणा के अनुसार 50 फीसदी सजा काट चुके बुजुर्ग, महिला एवं दिव्यांग कैदियों को चरण बद्ध तरीके से रिहा किया जाना है। इसके लिए पात्र अर्हताओं के अनुसार अभी तक जिले में कोई ऐसा कैदी नहीं है जिसकी रिहाई हो सकती हो। बंदियों की आयु निर्धारण के संबंध में भारत सरकार द्वारा निर्धारित दिशा निर्देशों के अनुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया। जिला कारागार में 1759 कुल बंदी है। जिसमें 99 महिलाएं व उनके साथ 10 बच्चे हैं। इसमें 22 सजायाफता व 77 हवालाती महिलाएं हैं। जबकि जिला कारागार की क्षमता 748 बंदी रखने की है।
समय पूर्व रिहाई के यह हैं मानकगांधी जयंती पर रिहाई पर तय किए गए मानकों के अनुसार कैदी की उम्र 55 वर्ष हो चुकी है। और अपनी 50 प्रतिशत सजा काट चुका है।जेल अधीक्षक बीएन ¨सह ने बताया कि जिला कारागार में ऐसा कोई भी कैदी मौजूदा समय में नहीं है जो 55 वर्ष की आयु पूरी के साथ अपनी आधी सजा काट चुका हो। अन्य मुकदमे दर्ज कराना भी कैदियों के लिए बना मुसीबत
कई कैदी सजा के बाद में जानबूझकर किसी अपराध में संलिप्तता बना लेते हैं। जब किसी कैदी पर जिले में एक मुकदमा दर्ज होता है तो उसे फतेहगढ़ जेल नहीं भेजा जाता है। अपने जिले की कारागार से फतेहगढ़ न भेजा जाए इसलिए दर्ज कराए गए मुकदमें ही अब उनकी रिहाई में बाधक बन गए हैं। क्योंकि रिहाई उन्हीं की होती है ¨जहें अदालत से सजा हो चुकी है। और उनके ऊपर अन्य कोई मुकदमा न चल रहा हो। जेल अधीक्षक बीएन यादव ने बताया कि आज की तिथि तक दो अक्टूबर को रिहाई के लिए कोई पात्र नहीं है।