बीमारी पूछी और थमा दी दवा की पर्ची
प्रकरण एक : शहर के मुहल्ला राधानगर निवासी राजपाल की सांस फूल रही थी। डाक्टर को दिखा
प्रकरण एक : शहर के मुहल्ला राधानगर निवासी राजपाल की सांस फूल रही थी। डाक्टर को दिखाने के लिए पर्चा बनवाया। डाक्टर के पास गए, दूर से ही डाक्टर ने पूछा, हाथ तक नहीं लगाया और दवा की पर्ची थमा दी। प्रकरण दो: लोनार निवासी राजेश्वरी ने दवा का पर्चा बनवाया। उन्हें डाक्टर की जानकारी नहीं थी। काउंटर पर पूछती रहीं कि आंख कहां दिखाएं, किसी ने डाक्टर का कक्ष नहीं बताया उल्ते दुत्कार दिया। हरदोई : जिला अस्पताल में भी मरीजों के उपचार की समुचित व्यवस्थाओं की बात कही जा रही है लेकिन देखा जाए तो मरीजों का इलाज छोलाछाप की तरह होता। काउंटर पर कोई जानकारी नहीं दी जाती और अधिकांश में चिकित्सक हाथ तक नहीं लगाते। हाल पूछकर दवा लिख देते।
व्यवस्था के अनुसार जिला अस्पताल में आने वाले मरीज के पर्चा बनवाते समय उसकी बीमारी पूछकर उसमें संबंधित चिकित्सक की कक्ष संख्या लिख देनी चाहिए। वहीं जब मरीज डाक्टर के पास जाए तो चिकित्सक को उसकी जांच करनी चाहिए पर ऐसा कुछ नहीं होता। उपचार के दौरान तो लापरवाही बरती जा रही है। पंजीकरण फार्म भरे समय वजन व ब्लड प्रेशर तक नहीं लिया जा रहा है। चिकित्सक सिर्फ बीमारी पूछ दवाएं लिख रहे हैं। यह नियम विरुद्ध है।
बगैर जांच नहीं हो पाता सही उपचार : चिकित्सक सिर्फ बीमारी का नाम सुनकर दवाएं लिख रहे हैं। पूरी जांचें न होने से मरीजों को सही उपचार नहीं मिल पाता। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एके शाक्य ने बताया कि मरीजों का समुचित सही से इलाज होता है। चिकित्सक जांच भी करते हैं। रही बात पर्चे की हो भीड़ के समय डिटेल नहीं लिख पाया जाता। उन्होंने बताया कि जो भी खामी होगी उसे दूर कर दिया जाएगा।