हसन और हुसैन को याद कर नम हो गई आंखें
बिलग्राम : बिलग्राम नगर के दरगाह हजरत अब्बास में चल रही मजलिस में करबला के वाकये को याद कि
बिलग्राम : बिलग्राम नगर के दरगाह हजरत अब्बास में चल रही मजलिस में करबला के वाकये को याद किया गया। मजलिस को खिताब करते हुए इलाहाबाद से आए शाहिद रजा ने कहा कि करबला में यजीद ने भूखे-प्यासे लोगों को तड़पा-तड़पा कर मौत के घाट उतार दिया था। करबला में हुए उस पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार वर्णन करने पर लोगों की आंखें नम पड़ गई और या हुसैन की सदाएं हवा में तैरने लगी। मुहर्रम के इस महीने में इमामबाड़ों तथा घरों में अंजुमन अजाए हुसैन, अंजुमन बज्मे हुसेनिया तथा अंजुमन गुलजारे हुसैन मलकंठ द्वारा मजलिस तथा मातम के जुलूसों का आयोजन किया जा रहा है। पूरे अजादारी का दायित्व अतहर अब्बास रिजवी, हैदर मेहंदी, औन मेहंदी तथा जुल्फिकार मेहंदी द्वारा निभाया जा रहा है। नौहाखानी में छलके अश्क
संडीला :संडीला नगर मुहल्ला मंडई स्थित हवेली इमामबाडे़ से मुहर्रम की पांचवीं रात को अलम का जुलूस निकाला गया। जिसमें अजादारों द्वारा की गई दर्दनाक नौहाखानी व सीनाजनी से सबकी आंख नम हो गई। रात नौ बजे यह अलम जुलूस हवेली इमामाबाडे़ से उठकर मूसापुर दरगाह अखदम साहब होता हुआ छोटा चौराहा पहुंचा, जहां नौहाखानी व सीनाजनी कर मातम किया गया। मुहर्रम की छह तारीख को छोटा चौराहा स्थित इमामबाड़े में मेहंदी रखी जाएगी तथा फिर यह जुलूस के रूप में नगर का भ्रमण करेगी।