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75 साल की विरासत संभाले हैं अमन और शाकिल

हरदोई : बिलग्राम नगर में दसवीं मुहर्रम को 32 कहारों का उठने वाला ताजिया कार्यक्रम का प्र

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 10:54 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 10:54 PM (IST)
75 साल की विरासत संभाले हैं अमन और शाकिल
75 साल की विरासत संभाले हैं अमन और शाकिल

हरदोई : बिलग्राम नगर में दसवीं मुहर्रम को 32 कहारों का उठने वाला ताजिया कार्यक्रम का प्रमुख हिस्सा है। जिसमें ¨हदू भी कंधा लगाते हैं। इसको बनाने एवं सजावट का काम चल रहा है। ताजिया शुक्रवार को उठाया जाएगा। इसे बनाने में लगभग 20 दिन का समय लगता है।

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ताजिया अपने अंदर लगभग 75 साल का इतिहास समेटे हुए है। विरासत को आगे बढाने का काम अमन और शाकिल कर रहे हैं। इनकी आयु भले ही 18 और 15 साल हो, लेकिन जब इनकी अंगुलियां ताजिए को बनाने, मढ़ने तथा सजावट में लगती है तो यह किसी मंझे हुए कलाकार से यह दोनों कम नहीं लगते हैं। ताजिएदार अतहर अब्बास रिजवी ने बताया कि ताजिए के सजावट में लगी यह एक ही परिवार की चौथी पीढ़ी है। लगभग 75 साल पहले इसकी जिम्मेदारी इनके परबाबा छंगा मिस्त्री उठाते थे। छंगा की मौत के बाद इस विरासत को आगे बढाने का काम उनके पुत्र लाल मोहम्मद ने किया। गत वर्ष इनकी भी मौत हो गई थी, लेकिन अपने जीवन काल में ही इन्होंने इस हुनर से अपने पुत्र राजू को वाकिफ करा दिया। इस तरह चौथी पीढ़ी इस विरासत को आगे बढ़ाने में लग गई है।

महिलाएं भी करती हैं सजावट : 32 कहारों वाले ताजिए की सजावट में महिलाओं की भी भागीदारी रहती है। शादाब जैदी, मरियम जैदी, आमरीन तथा फलक फातिमा द्वारा इसकी सजावट में भागीदारी निभाई जाती है। नवाबों के समय से उठने वाले इस ताजिए को पहले 32 कहार मिलकर उठाया करते थे, इसीलिए इसका नाम 32 कहारों वाला ताजिया पड़ा था।


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