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कर्बला का वाकया सुन आंखों में छलक पड़े आंसू

हरदोई : संडीला में मुहर्रम पर नगर स्थित इमामबाड़ों में मातम व मजलिसों का दौर जारी है। तीन

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 11:05 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 11:05 PM (IST)
कर्बला का वाकया सुन आंखों में छलक पड़े आंसू
कर्बला का वाकया सुन आंखों में छलक पड़े आंसू

हरदोई : संडीला में मुहर्रम पर नगर स्थित इमामबाड़ों में मातम व मजलिसों का दौर जारी है। तीन तारीख को मजलिसों में शहादते कर्बला का वाकया सुनकर लोगों की आंखों से आंसू छलक पड़े। साथ ही छुरी मातम कर लोगों ने अपने को लहूलुहान कर लिया।

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प्राचीन समय से ही नगर का मुहर्रम काफी विख्यात रहा है। इसमें शिरकत करने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते हैं तथा मुहर्रम भर रहकर मजलिसों में शिरकत करते हैं। शिया समाज बडे़ गमगीन माहौल में मुहर्रम मनाते हैं तथा पहले दिन से ही काले कपडे़ पहनते हैं। इमामबाडों में आयोजित होने वाले मातम में शामिल होते हैं। मुहल्ला किसान टोला स्थित मदरसा सिद्दीकिया, अहले सुन्नत अनवारूल उलूम में 15 रोजा मजलिस शहीदाने कर्बला चलता हैं।

मुहर्रम की तीन तारीख को अलम का जुलूस रात आठ बजे सलमान साहब के इमामबाडे़ से शुरू हुआ। जिसमें अंजुमन सिब्तेनिया के मातमदारों ने छुरी का मातम कर अपने को लहूलुहान कर लिया। दूरा अलम चौधरी जहूर नबी के इमामबाडे़ में चला। जिसमें अंजुमन रिजविया के लोगों ने छुरी का मातम किया। छुरी का मातम देखने के लिए सड़कों पर भारी हुजूम उमड़ा। ये दोनों जुलूस निम्न रास्तों से गुजरते हुए रात तीन बजे दरगाह हजरत अब्बास पहुंचे। पूरा शहर मातम व हुसैन या हुसैन की सदाओं से गूंजता रहा।


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