सुलह से होने वाले निस्तारण से समाप्त होती रंजिश
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हरदोई : सुलह से वादों का निस्तारण होने पर आगे की रंजिश समाप्त हो जाती है। वैसे यदि मुकदमों का निस्तारण होता है तो एक पक्ष की जीत व दूसरे की हार होती है। जिससे सदैव के लिए रंजिश हो जाती है। इसलिए 14 सितंबर को होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक मुकदमों का निस्तारण सुलह समझौता के आधार पर कराने का प्रयास सभी को करना चाहिए।
यह बात लोक अदालत के नोडल अधिकारी एडीजे संजय कुमार सिंह ने कंपनी के अधिवक्ताओं व अधिकारियों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने सभी विभागों से 14 सितंबर को अधिक से अधिक मुकदमों का निस्तारण सुलह के आधार पर कराने को कहा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सबीहा खातून ने कहा कि जनपद न्यायाधीश सैय्यद आफताब हुसैन रिजवी के निर्देशन में व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में 14 सितंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन दीवानी न्यायालय में व तहसील मुख्यालयों पर किया जाएगा। उन्होंने लोक अदालत के माध्यम से मुकदमों का निस्तारण कराने से होने वाले लाभ भी बताए। इसमें अधिक से अधिक मुकदमों का निस्तारण कराने का प्रयास सभी को करना चाहिए। मोटर दुर्घटना अभिकरण के पीठासीन अधिकारी गौरव श्रीवास्तव ने भी सुलह से वादों के निस्तारण पर जोर दिया। इस मौके पर कंपनी के अधिवक्ता पीके जैन, संजय दुबे, राजीव मिश्रा, श्रवण दीक्षित, सर्वेश रस्तोगी, संजीव सिंह आदि मौजूद रहे।
इन वादों का होगा निस्तारण
समझौता योग्य आपराधिक मामले, वसूली मामले, मोटर दुर्घटना के मामले, वैवाहिक, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण मामले,विद्युत एवं जल बिल, सिविल व राजस्व वाद सहित अन्य प्री ट्रायल एवं लंबित निस्तारण योग्य मामले।