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खेतों में पहुंच भटका टिड्डी दल, फायर ब्रिगेड ने किया छिड़काव

कीटनाशक का छिड़काव कर टिड्डियों को नष्ट किया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 11:17 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 06:06 AM (IST)
खेतों में पहुंच भटका टिड्डी दल, फायर ब्रिगेड ने किया छिड़काव
खेतों में पहुंच भटका टिड्डी दल, फायर ब्रिगेड ने किया छिड़काव

हरदोई: जिले की सीमाओं पर मंडरा रहा टिड्डी दल का एक समूह सोमवार की शाम बावन विकास खंड के कोड़वा, झबरापुरवा गांव में पहुंच गया। किसानों की नजर पड़ी तो कृषि विभाग को सूचना दी गई। देर शाम कृषि विभाग की टीम, फायर खेतों में पहुंच भटका टिड्डी दल, फायर ब्रिगेड ने किया छिड़काव

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और हरियावां चीनी मिल की टीम के साथ खेतों में पहुंच गई। करीब पांच किलोमीटर के दायरे में छिड़काव कराया गया। अधिकारियों का कहना है कि भटका दल था, जिसे समाप्त करा दिया गया। टीम पूरी तरह से एलर्ट हैं और गांवों से जानकारियां ली जा रही हैं। जिला वासियों को घबराने की जरूरत नहीं है।

टिड्डी दल पिछले कई दिनों से जिले की सीमाओं पर था। किसानों को भी जागरूक किया गया और कृषि विभाग की टीम भी एलर्ट मोड में है। सोमवार की शाम कोड़रा के ग्रामीण खेतों की तरफ गए तो गन्ने की फसल पर टिड्डी दल दिखाई दिया। तुरंत ही कृषि विभाग को सूचना दी गई। करीब साढ़े आठ बजे जिला कृषि अधिकारी उमेश कुमार साहू, कृषि विभाग की टीम, फायर खेतों में पहुंच भटका टिड्डी दल, फायर ब्रिगेड ने किया छिड़काव

की गाड़ियों को लेकर गांव पहुंच गए। हरियावां चीनी मिल के एजीएम संजीव तोमर टीम में संजय सिंह आदि के साथ पहुंच गए, झबरापुरवा, कोड़रा, किसानपुरवा आदि गांवों के खेतों में छिड़काव कराया गया। जिला कृषि अधिकारी उमेश कुमार साहू ने बताया कि कोई बड़ा दल नहीं था। भटका दल पहुंच गया, छिड़काव कराकर उसे नष्ट कराया गया। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग एलर्ट है। गांवों में टीम बनाई गई है। जिले में फिलहाल कोई प्रकोप नहीं है। किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है। बस जागरूक रहें। रात में खेतों में बैठता है दल

कृषि विभाग के अनुसार टिड्डी दल सुबह छह से सात बजे से शाम सात बजे तक ही उड़ता है। फिर खेत, पेड़ या जंगल में बैठ जाता है। अधिकारियों का कहना है कि किसान शाम को खेतों की तरफ जाएं अगर कहीं पर ऐसा दिखता है तो उसकी सूचना दें। जब दल बैठा होता है तो आसानी से उसे नष्ट किया जा सकता है। अंडा देने के लिए भी रुकते

कृषि विभाग के जानकारों के अनुसार टिड्डी दल में नर और मादा के साथ छोटे छोटे बच्चे भी हैं। नर और मादा का रंग भी अलग अलग होता है। बावन में जो दल मिला, उसमें बच्चे ज्यादा था। दल में शामिल मादा अंडा देने के लिए भी खेतों में रुकती हैं। अगर अंडा दे दिए तो उनकी संख्या सैकड़ों हो जाती है।


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