जांच के बाद खाएं औषधि, कुष्ठ से हो जाएंगे मुक्त
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हरदोई : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर 30 जनवरी को राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान 13 फरवरी तक चलेगा। इस वर्ष अभियान की थीम कुष्ठ के विरुद्ध आखिरी युद्ध है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इस संबंध में पत्र जारी किया गया है।
कुष्ठ रोग एक संक्रामक रोग है, जो हजारों वर्षों से चला आ रहा है। इस कारण प्राचीन काल से लोग कुष्ठ रोगियों से छुआछूत करते चले आ रहे हैं। इस रोग से होने वाली विकलांगता न केवल पीड़ित व्यक्ति को प्रभावित करती है बल्कि इससे उसका पूरा परिवार प्रभावित होता है। कुष्ठ रोग को लेकर भ्रांति है कि यह पूर्व के जन्म में किए गए पाप का फल है, लेकिन यह पूरी तरह से गलत है। यह वैक्टीरिया द्वारा होने वाला रोग है जो कि पूरी तरह से ठीक हो जाता है।
यह अभियान 15 दिन चलेगा और हमें सभी ग्राम सभाओं समेत पूरे जिले को कवर करना है। 30 जनवरी को कुष्ठ उन्मूलन को लेकर जिले, ब्लॉक व ग्राम सभा पर डीएम की अपील पढ़ी जाएगी। स्कूल के किसी बच्चे या किसी वयस्क को महात्मा गांधी की भूमिका तथा 10-12 वर्ष की लड़की सपना की भूमिका निभाएगी। वर्ष 2018 में सपना नाम की लड़की जागरूकता अभियान की रोल मॉडल में थी व वर्ष 2019 में महात्मा गांधी के माध्यम से गांव-गांव में कुष्ठ रोग जागरूकता अभियान चलाया गया था। त्वचा पर हल्के या तांबई रंग के धब्बे हों और उनमें संवेदनहीनता हो तो यह कुष्ठ रोग हो सकता है। साथ ही हाथ या पैरों में अस्थिरता या झुनझुनी, नसों में दर्द, कान या चेहरे पर सूजन, हाथ या पैरों पर सुन्नता या घाव होने पर भी स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सक को दिखाना चाहिए। हर दाग कुष्ठ रोग नहीं होता : कुष्ठ रोग मायको वैक्टीरियम लेप्री के कारण होता है। यह एक दीर्घकालिक संक्रामक रोग है। इसमें त्वचा पर हल्के रंग के धब्बे दिखाई देते हैं। जो कुष्ठ रोग की शुरुआती पहचान हैं। यह कुष्ठ रोग ग्रसित व्यक्ति के जीवाणु द्वारा फैलता है। जो संक्रामक व्यक्ति के खांसने, छींकने और थूकने से स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है। यदि समय से उपचार शुरू कर दिया जाए तो कुष्ठ रोग पूरी तरह से मल्टी ड्रग थेरेपी (एमडीटी) द्वारा ठीक किया जा सकता है। प्रदेश में सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर एमडीटी मुफ्त उपलब्ध है।