जान के दुश्मन बने ओवर लोड वाहन
हरदोई : जिले में प्रतिदिन होने वाले सड़क हादसों में अनियंत्रित यातायात हादसों का सबब बन रह
हरदोई : जिले में प्रतिदिन होने वाले सड़क हादसों में अनियंत्रित यातायात हादसों का सबब बन रहा है। विभागीय उदासीनता से जिले में धड़ल्ले से ओवर लोड और डग्गामार वाहन दौड़ रहे हैं। इसकी चपेट में आने से लोगों की जान जा रही है तो वह अपंग हो रहे हैं। विभागीय कार्रवाई कुछ चालन कर सिमट कर रहे गई है।
जिले में प्रतिदिन सड़क हादसों में किसी न किसी को अपना जीवन गवाना पड़ रहा है। सड़क हादसों के कारण शारीरिक रूप से लोग अक्षम हो रहे है।
जिले में प्रति वर्ष तीस से साढ़े तीन सौ लोग सड़क हादसों में जान गवां रहे है। वहीं साढ़े तीन से चार सौ लोग सड़क हादसों में अपंग हो रहे है। जिले में सड़क हादसों में लगातार इजाफा हो रहा है। जिले में वर्तमान समय में दो लाख 88 हजार वाहन दौड रहे है। इनमें 23 हजार से अधिक ट्रैक्टर ट्राली और दो हजार से अधिक भार वाहन दौड़ रहे है। इसके अलावा जिले में सैकड़ों डग्गा मार वाहन दौड़ रहे है। इससे लगातार सड़क हादसे हो रहे है और लोगों को जीवन गवाना पड़ रहा है।
जर्जर वाहन बन रहे हादसे का कारण : सड़क पर चलने वाले वाहनों की फिटनेस को बेहतर रखा जाए। उसकी आगे और पीछे की लाइटें ठीक हो ,यात्रियों के लिए बैठने और उनकी सुरक्षा की पूरी व्यवस्था होन चाहिए, लेकिन जिले में सड़कों पर दौड़ने वाले वाहनों की फिटनेस कागजों में ही बेहतर नजर आती है। हकीकत में सड़क पर ऐसे वाहन दौड़ रहे है जो धुंध और अंधेरे में नजर नहीं आते है। इससे लगातार हादसे हो रहे है।
ओवर लोड वाहनों पर नहीं लग रहा अंकुश : जिले में भार वाहन हो या यात्री वाहन सभी में ओवर लो¨डग की जा रही है। भार वाहनों में जहां निर्धारित क्षमता स अधिक भार ढोया जा रहा है। वाहनों में ओवर लोड के कारण शहर के नुमाइश चौराहे पर ट्रक व टैंकर एक दुकान में घुस गए थे। वहीं बिलग्राम कोतवाली क्षेत्र में ओवर लोड ट्रक के पलटने से उसकी चपेट में आकर दो लोगों की मौत हो गई थी। लेकिन इस ओर कोई भी जिम्मेदार गंभीर नहीं है।
जर्जर है सड़कें और आधे- अधूरे निर्माण भी बन रहे हादसे का सबब : जिले में कई मार्ग काफी जर्जर है। जिनमें गडढों के कारण वाहनों के अनियंत्रित होने से हादसे हो रहे हैं। वहीं जिले में शाहजहांपुर - हरदोई मार्ग, हरदोई - लखनऊ मार्ग का निर्माण पूर्ण नहीं हो सका है। इससे भी हादसे लगातार हो रहे हैं। वहीं शहर के नघेटा रोड़, जेल रोड़ पर के फुटपाथ का निर्माण कार्य चल रहा है। इसस भी आए दिन कोई न कोई हादसा हो सकता है।
ट्रैक्टर - ट्राली व जुगाड़ के वाहन भी हादसे का सबब : जिले में 27 हजार ट्रैक्टर ट्राली दौड़ रहे है। इनमें अधिकतर चालकों के पास लाइसेंस नहीं रहती है। वहीं इनमें लाइट और रिफलेक्टर के कारण रात व धुंध में यह नजर नहीं आते है। इससे इनसे सबसे अधिक हादसे हो रहे है। वहीं गांव में जुगाड़ के वाहन और बुग्गी की टक्कर से कई लोग अपने जान गवां चुके है।
शहर में बदहाल है यातायात व्यवस्था : शहर में सिग्नल व्यवस्था नहीं है। यातायात के नियंत्रण के लिए चौराहों पर सिपाही तैनात रहते है। वह भी यातायात नियंत्रण के साथ किनारे खड़े रहते है। इससे चौराहों पर अड़े तिरछे वाहन खड़ रहते है। वहीं शहर में पार्किंग के लिए भी कोई स्थान नहीं है। इससे सड़क पर ही वाहन खड़े रहते है जो हादसे का कारण बन रहे है।