Move to Jagran APP

चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात

जागरण संवाददाता, हरदोई : मौत के जाम से हाहाकार मचा है। शराब पीने से हुई मौतों के बाद पूरे प्रदेश में खलबली मची है। जिले में भी अभियान चल रहे हैं। घरों से लेकर खेतों तक चढ़ी शराब की भट्ठियां नष्ट की जा रही हैं, लेकिन शराब बनाने वाले इसे मौसमी अभियान बता रहे हैं। उनका कहना है कि यह तो चलता ही रहता है। कार्रवाई का उनके ऊपर कोई खौफ नहीं दिख रहा है। कच्ची शराब के पक्के खेल को रविवार की सुबह आंखों देखा। कार्रवाई का असर तो दिखा, लेकिन भट्ठियां चढ़ी थीं, जो शराब बना रहे थे बोले भैया चार दिन की चांदनी है फिर अंधेरी रात।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Feb 2019 11:03 PM (IST)Updated: Sun, 10 Feb 2019 11:03 PM (IST)
चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात
चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात

हरदोई : मौत के जाम से हाहाकार मचा है। शराब पीने से हुई मौतों के बाद पूरे प्रदेश में खलबली मची है। जिले में भी अभियान चल रहे हैं। घरों से लेकर खेतों तक चढ़ी शराब की भट्ठियां नष्ट की जा रही हैं, लेकिन शराब बनाने वाले इसे मौसमी अभियान बता रहे हैं। उनका कहना है कि यह तो चलता ही रहता है। कार्रवाई का उनके ऊपर कोई खौफ नहीं दिख रहा है। कच्ची शराब के पक्के खेल को रविवार की सुबह आंखों देखा। कार्रवाई का असर तो दिखा, लेकिन भट्ठियां चढ़ी थीं, जो शराब बना रहे थे बोले भैया चार दिन की चांदनी है फिर अंधेरी रात।

loksabha election banner

वैसे तो पूरे जिले में कच्ची शराब धड़ल्ले से उतारी जा रही है। हकीकत दिखाने के लिए कोतवाली देहात क्षेत्र का गांव ही काफी है। रविवार की सुबह छह बजे गांव के बाहर पहुंचे लोग नित्य क्रिया में व्यस्त थे। कच्ची शराब के खेल को देखने और दिखाने का उद्देश्य था। गांव का एक व्यक्ति इसके लिए पहले से ही साथ में था तो कोई दिक्कत भी नहीं हुई और किसी ने विरोध भी नहीं किया। उसके साथ गांव के अंदर एक घर में पहुंचे। बाहर एक बुजुर्ग बैठा मिला। बोला का बात भैया। का हमई मिले। जो व्यक्ति साथ में था बोला दादा ¨चता न करो अपने आदमी हैं तो उसने कोई विरोध भी नहीं किया। अंदर जाकर देखा तो एक कमरे में कई चूल्हे बने थे और उन पर शराब उतर रही थी। एक महिला सामने आई बोली, देखि लौ अब चैन पड़ गई। बइसेउ आफत हई, लेकिन ¨चता नाहीं। चार दिन की चांदनी है। वह महिला बताना चाहती थी कि जो अभियान चल रहे हैं वह थोड़े दिन के हैं फिर व्यवस्था पुरानी पटरी पर आ जाती है। साथ गए साथी ने बताया कि भैया कुछ गांव तो बदनाम हो गए हैं, लेकिन दर्जनों ऐसे हैं जहां पर खेतों पर बाहर तालाब, बंजर जमीन पर ड्रमों में शराब उतारी जाती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.