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अवैध तमंचों में दागे जा रहे वैध कारतूस

हरदोई पुलिस अवैध शस्त्रों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई तो करती है लेकिन कारतूसों के खेल की तरफ कोई ध्यान ही नहीं दिया जाता है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Jun 2019 10:48 PM (IST)Updated: Thu, 13 Jun 2019 10:48 PM (IST)
अवैध तमंचों में दागे जा रहे वैध कारतूस
अवैध तमंचों में दागे जा रहे वैध कारतूस

हरदोई: पुलिस अवैध शस्त्रों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई तो करती है लेकिन कारतूसों के खेल की तरफ कोई ध्यान ही नहीं दिया जाता है। तमंचा तो अवैध होता है लेकिन उसमें वैध कारतूस दागे जाते हैं। हर रोज पुलिस एक तमंचा और कुछ कारतूस पकड़ती है। मुठभेड़ और शातिरों के पास भी बरामद कारतूस कहां से आए, उन्हें कौन उपलब्ध कराता है, इसके बारे में आज तक कोई जानकारी नहीं ली गई। जानकारों का कहना है कि कुछ शस्त्र दुकानदारों, लाइसेंसी शस्त्र रखने वालों की मिलीभगत से अपराधियों का खेल चलता है और पुलिस भी सब कुछ जानने के बाद भी अनजान बनी बैठी रहती है और अवैध तमंचों में धड़ल्ले से वैध कारतूस दागे जा रहे हैं।

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गुडवर्क में पुलिस सबसे ज्यादा अवैध शस्त्र जिसमें तमंचा, बंदूक और देशी राइफल, रिवाल्वर और पिस्टल तक शामिल हैं, उनके साथ कुछ कारतूस भी बरामद करती है। आए दिन कहीं न कहीं शस्त्र फैक्टरी भी पकड़ी जाती है। अब पुलिस तमंचा कहां बनते, सामान कहां से आता, इसकी तो जानकारी ले लेती है पर कारतूसों के बारे में कभी जांच नहीं कराई गई। जानकार लोगों का कहना है कि सबसे ज्यादा तो कारतूस ही महत्वपूर्ण हैं और अगर उन पर शिकंजा कस जाए तो काफी हद तक अपराध रोका जा सकता है पर ऐसा कुछ नहीं किया जाता। पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी का कहना है कि इस तरफ सख्त कदम उठाया जाएगा। कारतूस खरीदने के ये हैं नियम

शस्त्र लाइसेंस पर कारतूस खरीदने का भी प्रतिबंध होता है। एक साल में निर्धारित कारतूस ही खरीदे जा सकती हैं। खरीदते समय उनकी संख्या और तिथि लाइसेंस पर दर्ज होती है, साथ ही दुकानदार अपने रजिस्टर पर भी दर्ज कर लेते हैं, लेकिन जो खेल करते हैं वह एक दो रुपये मंहगे कारतूस देते हैं और अपने रजिस्टर पर तो दर्ज कर लेते हैं लेकिन उनकी किताब पर नहीं दर्ज करते। जिससे वह जिला या फिर बाहरी जिले की अन्य किसी दुकान से और कारतूस ले सकता है। जो ऐसा करते हैं उनके अपराधियों तक से तार जुड़े होते हैं और उन्हें मंहगे कारतूस बेच देते हैं।

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