अंगूठा लगते ही अपराधी की कुंडली सामने होगी
हरदोई : अब शातिर अपराधी जेल में अपनी पहचान या अपने अपराध नहीं छिपा सकेंगे। अब अंगुलियों
हरदोई : अब शातिर अपराधी जेल में अपनी पहचान या अपने अपराध नहीं छिपा सकेंगे। अब अंगुलियों पर उनका काला चिट्ठा होगा। देश या प्रदेश की किसी भी जेल जाने पर जैसे ही उनका विवरण दर्ज कर अंगुलियों के निशान लिए जाएंगे वैसे ही कंप्यूटर पर उनकी पूरी कुंडली सामने आ जाएगी।
प्रदेश की सभी जेलों शुरू की गई नई तकनीकी व्यवस्था ई-प्रिजन में अपराधियों का दर्ज होगा। जिसमें जेल आए अपराधियों का पूरा रिकार्ड, अंगुलियों के निशान और फोटो फीड किए जा रहे हैं। ये डाटा ऑनलाइन होगा। एक जेल से छूटकर किसी अन्य मामले में अपराधी प्रदेश की किसी भी जेल में जाएगा। जैसे ही वहां पर उसकी अंगुलियों के निशान लिए जाएंगे तो ¨फगर ¨प्रट से पुराना रिकार्ड सामने होगा।
पूरे प्रदेश में चल रही नई तकनीकी योजना के तहत हरदोई जेल में तेजी से काम चल रहा है और हर कैदी या बंदी का विवरण दर्ज किया जा रहा है। ई-प्रिजन योजना : ई-प्रिजन योजना के तहत एनआइसी ने साफ्टवेयर तैयार किया है। जेलर ने बताया कि इसकी मदद से न सिर्फ प्रदेश की जेलों को जोड़ा गया है, बल्कि बंदियों का पूरा विवरण भी दर्ज किया जा रहा है।
मुलाकातियों का भी दर्ज रहेगा ब्योरा
जेल में अपराधी ही नहीं उनसे मिलने वाले मुलाकातियों का भी पूरा विवरण कंप्यूटर पर दर्ज कर ऑनलाइन रहेगा। जेलर ने बताया कि बंदी की जेल में एक आईडी बनाई जाती है। उस आईडी में न केवल उसका विवरण बल्कि उससे मिलने के लिए जेल में आने वाले मुलाकातियों का भी पूरा ब्योरा दर्ज होगा। ऑनलाइन दर्ज हो रहे अपराध : क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रे¨नग नेटवर्क यानी सीटीएनएस के जरिये अपराध संबंधित आंकड़े ऑनलाइन किए जा रहे हैं। थानों पर पंजीकृत मामलों की सीसीटीएनएस पोर्टल पर फी¨डग हो रही है। अगर कोई अपराधी पकड़ा जाता है तो उसकी जानकारी तत्काल सीसीटीएनएस पर फोटो सहित अपलोड होगी। जेलर बोले
जेलर मृत्युंजय कुमार पांडेय ने बताया कि ई-प्रिजन योजना के तहत पूरे प्रदेश में काम चल रहा है। हरदोई जेल में फी¨डग का काम बहुत अच्छा है। उन्होंने बताया कि हर बंदी की अंगुलियों के निशान से लेकर फोटो, उसके शरीर में निशान उसकी पहचान आदि सब कुछ दर्ज किया जाएगा। जेल से रिहा हुआ बंदी किसी दूसरी जेल में जाता है तो ¨फगर ¨प्रट से उसका पुराना रिकार्ड सामने आ जाएगा।