दिल से सुना, मन से खूब पूछे सवाल
हरदोई : गुरुमंत्र में छात्र-छात्राओं ने बेबाकी से सवाल पूछे, प्रसिद्ध काउंसलर त्रयंबक तिवारी
हरदोई : गुरुमंत्र में छात्र-छात्राओं ने बेबाकी से सवाल पूछे, प्रसिद्ध काउंसलर त्रयंबक तिवारी ने उनकी जिज्ञासा को शांत किया। शिवांगी ने प्रशासनिक क्षेत्र में जाने और विज्ञान या कला वर्ग में से किसे चुनने के संबंध में जानकारी चाही। काउंसलर ने कहा कि आपकी किस विषय में रुचि है, किस भाषा पर पकड़ है। यह आपके परिवारीजन बेहतर ढंग से बता सकते हैं। इस संबंध में एक घंटे या एक दिन में कोई कुछ नहीं बता सकता। इस संबंध में आप अपने परिवार और शिक्षक से सलाह ले सकते हैं। कपिल कुमार ने कर्म बड़ा या भाग्य के संबंध में जानकारी चाही। काउंसलर ने जवाब देते हुए कहा कि जिसे तुम भाग्य कहते हो, अगर उसी किताब के ज्ञान की बात करें तो लिखा है कि कर्म के जन्मों से भाग्य ठीक हो सकता है। इससे साफ है कि कर्म बड़ा है। कर्म से भाग्य बदला जा सकता है। बुसरा रहमान ने पूछा कि अगर कोई लक्ष्य निर्धारित कर चुका है और माता-पिता कुछ और कराना चाहते है, तो ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए। इस पर काउंसलर ने कहा कि परिवार में सामंजस्य बनाना जरूरी है। अभिभावक को बेटा या बेटी को समय दिया जाना चाहिए। अरुन प्रभाकर ने त्वरित, दूरगामी लक्ष्य के अंतर के बारे में जानकारी चाही। काउंसलर ने कहा कि भगवान ने 24 घंटे का समय दिया है। इसका सही नियोजन कर ले, तभी सफलता मिलेगी। उन्होंने त्वरित व दूरगामी लक्ष्य निर्धारण को उदाहरण के माध्यम से समझाया। इसके अलावा ललिता, अजीत ¨सह आदि ने अपनी जिज्ञासाओं को शांत किया।
निदेशक ने की दिल खोलकर सराहना
समूह के निदेशक धनंजय ¨सह ने दिल खोलकर कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने बताया कि उनके पिता ने जो सपना देखा था वह पूरा हो गया। जिस मंशा के साथ छोटे से स्कूल से शुरुआत की थी वह आज अपने उद्देश्य में सफल हो गया है। दैनिक जागरण के कार्यक्रम की सराहना करते हुए छात्र छात्राओं के स्वर्णिम भविष्य की कामना की।