सरकारी सेवा विमुख हो गए 34 धरती के भगवान, रोगी परेशान
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हरदोई : धरती के भगवान कहे जाने वाले चिकित्सक सरकारी सेवा से विमुख होते जा रहे हैं। चिकित्सकों की ओर से सरकारी सेवा में रुचि न लिए जाने से सरकार की बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का सपना स्वास्थ्य केंद्रों पर ही टूटता दिखाई दे रहा है। मुख्य चिकित्साधिकारी के अधीन वाले सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) पर सृजित 265 पदों के सापेक्ष कागजों पर 190 चिकित्सक तैनात हैं। जिनमें से 34 चिकित्सक लापता चल रहे हैं। ऐसे में 156 चिकित्सकों से ही स्वास्थ्य केंद्रों को संचालित कराया जा रहा है।
19 विकास खंडों पर सीएचसी का संचालित हो रहे हैं। सृजित पद में से 75 पद पहले से ही रिक्त चल रहे हैं। जबकि कागजी तैनाती देखे तो 190 की है। जबकि उनमें से भी 34 चिकित्सक को विभाग ने अपनी रिपोर्ट में लापता मान लिया है। जो नोटिस, चेतावनी के बाद आना तो दूर, जवाब तक नहीं दिए हैं। ऐसे में सीएचसी पर कम चिकित्सकों की तैनाती से रोगियों को परेशानी उठानी पड़ती और बेहतर उपचार के लिए जिला मुख्यालय या फिर निजी चिकित्सक का सहारा लेना पड़ रहा है।
जिला चिकित्सालयों में भी चिकित्सकों का अभाव : वैसे देखा जाए तो स्वास्थ्य केंद्र रेफर सेंटर बनते जा रहे हैं। तीन जिला स्तरीय चिकित्सालयों में चिकित्सक 36 पद स्वीकृत हैं। जबकि तैनाती 26 की है। कार्डियोलॉजिस्ट एवं फिजीशियन समेत कई महत्वपूर्ण चिकित्सक नहीं हैं। दो पीएचसी पर चिकित्सक के पद सृजित नहीं : सीएमओ डा. एसके रावत का कहना है कि 19 सीएचसी हैं, सभी पर चिकित्सक तैनात हैं। जबकि सांडी एवं गोपामऊ दो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अभी कोई पद सृजित नहीं है। नए भवन बने हैं। हैंडओवर हो गए हैं। स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर मुख्यमंत्री गंभीर हैं। चिकित्सकों का संबद्धीकरण समाप्त किया गया है। तैनाती स्थल पर बायोमीट्रिक उपस्थिति कराई जा रही है। लापता चल रहे चिकित्सकों की सेवा समाप्ति के लिए शासन को लिखा जाएगा। सीएमओ से पत्रावली तैयार करने को कहा गया है। ताकि रिक्त पदों के सापेक्ष चिकित्सक की मांग की जा सके।
पुलकित खरे, जिलाधिकारी