धैर्य और आत्मविश्वास के साथ नीम के नीचे बैठकर कोरोना को हराया
बेंहदर ब्लॉक के सरहेरी गांव में घर में बुजुर्ग ने दी कोरोना को मात अकेले बैठकर भगवान का भजन और गीता का करते पाठ
हरदोई: कोरोना वायरस की दूसरी लहर से हर कोई डरा हुआ है और उनके मन में नकारात्मक विचार आ रहे हैं, उन्हें उम्मीद की डोज मिलेगी। बेंहदर के एक गांव में 87 साल के बुजुर्ग ने घर में ही कोरोना को मात दी है। खास बात यह है कि वह ब्लड प्रेशर के मरीज भी थे और संसाधनों का भी अभाव था, लेकिन घर पर ही चिकित्सीय सलाह पर दवा लेकर नीम के पेड़ के नीचे बैठकर आक्सीजन लेते रहे और स्वस्थ रहे।
ब्लॉक बेंहदर के सरेहरी निवासी जदुनाथ 87 साल के हैं और 12 साल से ब्लड प्रेशर के मरीज हैं। पांच मई को अचानक उन्हें सांस लेने में दिक्कत हुई तो स्वजन सीएचसी ले गए, जहां से चिकित्सक ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जिला अस्पताल में जांच में वह पॉजिटिव निकले और उन्हें कोविड सेंटर लेवल टू रेफर कर दिया गया। वहां की हालत देखकर पुत्र कमलेश ने रात भर भर्ती रखा और सुबह गांव लेकर चले गए। गांव में पेड़ के नीचे बैठकर ऑक्सीजन की कमी को पूरा करते थे और समय पर खाना-पीना व दवाइयां खाते थे। इसके बाद अकेले बैठकर भगवान के भजन के साथ ही भगवत गीता का पाठ करते। परिवार की देखभाल में मेरा समय कैसे निकल गया पता ही नहीं चला। हिम्मत से काम लिया जाए और भगवान पर भरोसा रखा जाए तो बड़ी से बड़ी समस्या हल हो सकती है और यह तो सिर्फ एक बीमारी है। यही सोचकर मैंने समय पर दवाइयां लीं, भाप ली और गरारे किए। अब वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं। उन्होंने बताया कि सभी लोगों से मैं यही कहूंगा कि घर पर रहें और पूरी सावधानी बरतें, यह समय भी जल्दी ही बीत जाएगा। इस खाली समय को अच्छे से उपयोग करें। साथ ही परिवार का साथ बहुत जरूरी है। परिवार की इच्छाशक्ति के कारण ही मैंने कोरोना बीमारी को हराया। किसी में भी अगर जरा भी कोरोना के लक्षण दिखें तो उसे अनदेखा न करें, तुरंत जांच कराएं। आत्मविश्वास और मन से मजबूत रहकर बीमारी को हरा सकते हैं।