आवास, शौचालय निर्माण की धनराशि में खूब हुआ खेल
हरदोई ग्रामीणों की लाभकारी योजनाएं में खूब खेल हुए। जो पकड़ में आ गए उन पर कार्रवाई हुई बाकी न जानें कितनी जांच फाइलों में दबी हैं।
हरदोई : ग्रामीणों की लाभकारी योजनाएं में खूब खेल हुए। जो पकड़ में आ गए, उन पर कार्रवाई हुई, बाकी न जानें कितनी जांच फाइलों में दबी हैं।
शौचालय निर्माण के 34 लाख रुपये के घोटाले में बरखेरा प्रधान के जेल जाने का मामला पहला नहीं है। छह प्रधान और सात पंचायत सचिवों पर भी एफआइआर दर्ज हो चुकी है। एक प्रधान और एक पंचायत सचिव जेल जा चुके हैं। जबकि आवास योजना में अपात्रों को आवंटन में एक करोड़ 70 की वसूली हुई है। जानकारों का कहना है कि जो जांच दबी हैं वह बाहर आएं तो खेल की पोल खुल जाए।
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के शौचालयों के निर्माण में जिले में खूब खेल किया गया। जिसकी शिकायत हुई, खेल पकड़ा गया तो नोटिस मिलते ही प्रधानों और सचिवों ने काम कराकर मामला रफा दफा कर दिया। बरखेरा के प्रधान नरेश पाल सिंह कार्रवाई के दायरे में आ गए और पुलिस ने गुरुवार को उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जबकि पंचायत सचिवों की तलाश हो रही है। शौचालय निर्माण ही नहीं पीएमएवाई ग्रामीण में अपात्रों को लाभांवित किए जाने के कुछ अधिक ही मामले ही सामने आए। जिसमें अब तक 1.70 करोड़ की राशि अपात्रों से वसूली गई है। विकास खंड पिहानी के महीनकुंड में गड़बड़ी पर प्रधान जेल गए थे। हरियावां में गड़बड़ी पर पंचायत सचिव बालकराम को भी जेल हुई थी। उचवल में लाभार्थियों को आवास दिलाने के नाम पर प्रधान के देवर को वसूली का आरोपी पाया गया और उन्हें भी जेल हुई थी। योजना के नोडल अधिकारी जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक राजेंद्र श्रीवास का कहना है कि कुल छह प्रधान और सात पंचायत सचिव दोषी पाए गए थे। जिनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई गई थी। एक प्रधान एवं पंचायत सचिव जेल गए थे। जबकि अन्य ने कोर्ट से स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया। अपात्रों को जारी एक करोड़ 70 लाख रुपये की वसूली कराई गई है।