कर्ज और फसल खराब होने से किसान ने लगाई फांसी
हरदोई : बैंक के कर्ज और बाढ़ से फसल की बरबादी से परेशान होकर एक किसान ने अमरूद के
हरदोई : बैंक के कर्ज और बाढ़ से फसल की बरबादी से परेशान होकर एक किसान ने अमरूद के बाग में तहमद से फांसी लगाकर जान दे दी। परिवारीजन का कहना है कि फसल नष्ट होने के बाद से वह और ज्यादा परेशान थे और उसी के चलते ऐसा किया।
मल्लावां कोतवाली क्षेत्र के ग्राम बीचपुरवा शाहपुर पवार निवासी रामपाल (56) पुत्र सालिगराम खेतीबाड़ी का काम करते थे। छोटे भाई राजेंद्र ने बताया कि रामपाल तीन भाइयों में सबसे बड़े थे। उनकी दो बेटियां नन्हीं, बेला व तीन बेटे पप्पू, नीरज और मनोज हैं। उन्होंने बताया कि रामपाल ने स्टेट बैंक और भूमि विकास बैंक के डेढ़ लाख रुपये का कर्ज लगभग दो वर्ष पूर्व लिया था। उन्होंने अपने खेत में मक्का, धान और मिर्च की फसल की थी। बाढ़ में उनकी सारी फसल बर्वाद हो गई, जिससे वह परेशान थे। बैंक का कर्जा और दो बेटियों की शादी की ¨चता उन्हें सता रही थी। रविवार को घर में नहाने के बाद वह खेत की ओर चले गए। दोपहर में जब वह घर वापस नहीं आए तो परिजनों ने उनकी तलाश शुरू की। गांव के बाद गोवर्धन के अमरूद के बाग में उनका शव तहमद से लटकता मिला। शव को लटकता देख घटना की जानकारी परिजनों को दी गई। कोतवाल अमरजीत ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला कि गरीबी और फसल नष्ट हो जाने से उसने जान दी है।